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स्टेट बैंक ने बढ़ाई सावधि जमा की दर

Last Updated- December 14, 2022 | 1:16 AM IST
SBI Scheme

बैंकों में संसाधन जुटाने की बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने घरेलू खुदरा जमा और थोक जमा पर विभिन्न परिपक्वताओं पर ब्याज दरों में 15-100 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। थोक जमा (2 करोड़ रुपये और इससे ऊपर) पर अधिकतम बढ़ोतरी कम अवधि की जमा (1 साल तक) पर की गई है। वहीं 100 आधार अंक की बढ़ोतरी 180 से 210 दिन के जमा में है, जिसकी संशोधित दर 5.5 प्रतिशत सालाना है, जबकि पुरानी दर 4.5 प्रतिशत सालाना थी। वहीं खुदरा जमा में 2 करोड़ रुपये तक के जमा पर कोई बदलाव नहीं है और यह 5.25 प्रतिशत ही रहेगा। भारतीय स्टेट बैंक की वेबसाइट में इसकी जानकारी दी गई है।

एसबीआई ने कहा कि 7 से 45 दिनों के लिए थोक जमा के लिए ब्याज दर 3.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.25 प्रतिशत कर दी गई है। खुदरा जमा की दर 3 प्रतिशत है। एक साल से लेकर 2 साल तक के जमा पर अब 6.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा, जो पहले 6 प्रतिशत था। खुदरा जमा दर में यह 6.1 प्रतिशत है।

सार्वजनिक बैंक के अधिकारियों ने कहा कि नकदी की स्थिति तंग है और एसबीआई को मझोले और छोटे कर्जदातों से चुनौती मिल रही है। इसी को देखते हुए बैंक ने दरों में बदलाव किया है। रेटिंग एजेंसी केयरएज ने कहा कि नकदी सामान्यतया कम हो रही है, क्योंकि महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक अतिरिक्त नकदी घटा रहा है। बैंकिंग व्यवस्था में अतिरिक्त नकदी कम होकर करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये रह गई है, जो वित्त वर्ष 23 की शुरुआत में 6.3 लाख करोड़ रुपये थी।

ऐसे में बैंक आकर्षक जमा दरें पेश कर 1 साल से 3 साल के लिए भारी जमा बढ़ाने की कवायद करेंगे, जिससे खुदरा जमा और थोक जमा करने वालों के बीच अंतर कम हो सके। इस समय कम समय की कार्यशील पूंजी के लिए कर्ज लिया जा रहा है और कर्ज लेने वाले पूंजी बाजार से बैंकिंग व्यवस्था की ओर आ रहे हैं। इंडिया रेटिंग्स ने एक नोट में कहा है कि पूंजीगत व्यय के लिए कर्ज की मांग अभी बहुत मामूली है। ऐसे में बैंक कम अवधि की जमा पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

एसबीआई ने कहा है कि 2 साल से ऊपर और 3 साल से कम की अवधि में अब 5.75 प्रतिशत सालाना ब्याज मिलेगा, जो पहले 5.25 प्रतिशत था। इस अवधि के लिए खुदरा में दर अभी 6.75 प्रतिशत के उच्त स्तर पर है। वहीं 3 साल से उपर और 5 साल से कम अवधि की जमा पर अभी दरें पूर्ववत 5.75 प्रतिशत हैं। वहीं इस अवधि में खुदरा जमा पर ब्याज 6.25 प्रतिशत है।

बैंकरों ने कहा कि जमा और ऋण में सालाना वृद्धि के बीच अंतर अब बहुत ज्यादा है। इसकी वजह से बैंकों को ब्याज दर बढ़ाने पर बाध्य होना पड़ रहा है। साथ ही धन जुटाने के लिए शाखा नेटवर्क औऱ डिजिटल प्लेटफॉर्म से मदद लेने की कवायद हो रही है।

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक बैंकिंग व्यवस्था में 18 नवंबर 2022 को जमा 172.9 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें पिछले साल की तुलना में 9.6 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। वहीं इस दौरान ऋण 129.47 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें सालाना आधार पर 17.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस बीच पिछले 12 महीनों में बैंक जमा 15.2 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है। जबकि इसी अवधि में ऋण बढ़कर 18.98 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

First Published - December 13, 2022 | 10:23 PM IST

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