एसबीआई काड्र्स ऐंड पेमेंट सर्विसेज का शुद्ध लाभ सितंबर तिमाही में 46 फीसदी की गिरावट के साथ 206 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 381 करोड़ रुपये रहा था। फंसे कर्ज के लिए प्रावधान में भारी बढ़ोतरी के कारण लाभ घटा। हालांकि प्रावधान से पहले कंपनी का लाभ 37 फीसदी बढ़कर 1,140 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि ेमं 831 करोड़ रुपये रहा था।
कंपनी की ब्याज आय 10 फीसदी बढ़कर 1,275 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,162 करोड़ रुपये र ही थी। कंपनी का परिचालन राजस्व 9 फीसदी की बढ़त के साथ 2,249 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 2,057 करोड़ रुपये रहा था। शुद्ध ब्याज मार्जिन इस अवधि में 185 आधार अंक बढ़कर 17 फीसदी पर पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 15.1 फीसदी रहा था।
दूसरी ओर, कंपनी ने एम्पेयरमेंट नुकसान देखा और फंसे कर्ज में 162 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 862 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
कंपनी की परिसंपत्ति गुणवत्त्ता को झटका लगा क्योंंकि सकल एनपीए 196 आधार अंक बढ़कर 4.3 फीसदी पर पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 2.33 फीसदी रहा था। कंपनी ने कहा कि अदालत के अंतरिम आदेश के चलते उसने उन खातों की घोषणा नहींं की जो 31 अगस्त तक एनपीए नहींं थे। अगर कंपनी ने ऐसा किया होता तो उसका सकल एनपीए बढ़कर 7.46 फीसदी पर पहुंच जाता और शुद्ध एनपीए 2.7 फीसदी होता।
आर्थिक गतिविधियों के रफ्तार पकडऩे को महत्वपूर्ण मानक मानते हुए कंपनी ने कहा कि कार्ड पर खुदरा खर्च दूसरी तिमाही में कोविड पूर्व के 90 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह पिछली चिमाही के मुकाबले खुदरा खर्च 50 फीसदी बढ़ा। इसके अलावा कोविड पूर्व रोजाना औसत 307 करोड़ रुपये था, जो पहली तिमाही में 270 करोड़ रुपये था और सितंबर तिमाही में 284 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
इंडियन बैंक का मुनाफा 412 करोड़ रुपये
इंडियन बैंक ने सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही में 412 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है जबकि पिछले साल की समान अवधि में बैंक को 1,755 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ था। पिछले एकीकृत आधार पर नुकसान इलाहाबाद बैंक के कारण हुआ था, जिसने पिछले साल की दूसरी तिमाही में नुकसान दर्ज किया था। एकल आधार पर इंडियन बैंक ने पिछले साल की दूसरी तिमाही में 358.56 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था।
इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी हुआ। इंडियन बैंक की प्रबंध निदेशक व सीईओ पदमजा चुंडरू ने कहा, इस तिमाही में सभी प्रमुख मानकों के लिहाज से मजबूत बढ़ोतरी देखने को मिली है। हम तीसरी तिमाही में भी इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंंने कहा कि गैर-ब्याज आय में 29 फीसदी की बढ़ोतरी से मुनाफे को मजबूती मिली, हालांकि तिमाही आधार पर उसमें 12 फीसदी का इजाफा हुआ। बैंक का कासा 41 फीसदी रहा जबकि एनआईएम 23 आधार अंक की बढ़ोतरी के साथ 3.06 फीसदी रहा। तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय 1,611 करोड़ रुपये रही और शुल्क आय, फंसे कर्ज की रिकवरी और ट्रेजरी आय के चलते उसमें 29 फीसदी की उछाल आई।
यूको बैंक को 30 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ
सार्वजनिक क्षेत्र के यूको बैंक ने चालू वित्त वर्ष की सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही में 30.12 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में बैंक को 891.98 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। तिमाही दर तिमाही आधार पर बात की जाए, तो चालू वित्त वर्ष की जून में समाप्त पहली तिमाही में बैंक ने 21.46 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। बैंक ने कहा कि दूसरी तिमाही के दौरान उसकी कुल आय घटकर 4,326.51 करोड़ रुपये रह गई, जो कि इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 4,533.51 करोड़ रुपये रही थी। तिमाही के दौरान बैंक की ब्याज आय घटकर 3,614.61 करोड़ रुपये रह गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 3,804.64 करोड़ रुपये रही थी। समीक्षाधीन तिमाही में बैंक की संपत्ति गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। तिमाही के दौरान कुल कर्ज पर बैंक की सकल गैर निष्पदित आस्तियां (एनपीए) घटकर 11.62 फीसदी रह गईं, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 21.87 फीसदी थीं। मूल्य के हिसाब से बैंक का सकल एनपीए 25,665.14 करोड़ रुपये से घटकर 13,365.74 करोड़ रुपये रह गया। इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए घटकर 3.63 फीसदी रह गया। एक साल पहले यह 7.32 फीसदी (7,238.33 करोड़ रुपये) था।
फंसे कर्ज के लिए बैंक का प्रावधान भी घटकर 1,032.14 करोड़ रुपये पर आ गया, जो इससे पिछले साल की इसी अवधि में 2,034.07 करोड़ रुपये रहा था। बैंक का कुल प्रावधान 2,099.02 करोड़ रुपये से घटकर 1,300.20 करोड़ रुपये रह गया। भाषा
