आंकड़ों की निजता और ग्राहकों के आंकड़ों की सुरक्षा के महत्त्व पर जोर देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत में फिनटेक की स्वीकार्यता की दर उच्च स्तर पर है, जिसकी तुलना में वैश्विक औसत बहुत नीचे है।
फिनटेक उद्योग के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि भारत में डिजिटल लेनदेन का मूल्य जनवरी-अगस्त, 2021 में बढ़कर 6 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले सला 4 लाख करोड़ रुपये और 2019 में 2 लाख करोड़ रुपये था।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट, 2021 को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा, ‘डेटा की निजता बहुत महत्त्वपूर्ण है। इस मुद्दे पर काफी भिन्न विचार हो सकते हैं। बहरहाल इसके मूल में निजता का सम्मान है, जैसा कि दिशानिर्देश के सिद्धांत में कहा गया है।’ उन्होंने कहा कि ग्राहकों के आंकड़ों की सुरक्षा विश्वास बहाली की रीढ़ है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘जब तक मेरे आंकड़ों की बेहतर तरीके से सुरक्षा नहीं होती, मैं इन योजनाओं से जुडऩा नहीं जाना चाहूंगी। इसलिए यह दिशानिर्देश सिद्धांत है।’
भारत में फिनटेक स्वीकार्यता दर 87 प्रतिशत है, जबकि वैश्विक औसत 64 प्रतिशत है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत डिजिटल गतिविधियों, डिजिटल भुगतान का प्रमुख केंद्र है।’
इस कार्यक्रम के दौरान जिम्मेदार डिजिटल भुगतान के लिए संयुक्त राष्ट्र सिद्धान्तों पर एक रिपोर्ट भी जारी की गई। इसमें सरकार, प्रयोगकर्ताओं, उद्योग और कंपनियों को निर्देशित करने वाले सिद्धान्तों के बारे में बताया गया है। रिपोर्ट में वित्तीय प्रौद्योगिकी में महिलाओं की भागीदारी पर भी जोर दिया गया है।
सीतारमण ने कहा, ‘यह रिपोर्ट जारी की गई है। इससे मैं काफी प्रभावित हूं। यह समय की जरूरत है। हमें यह समझने की जरूरत है कि अंतरप्रचालन वाली प्रणाली को लाने की हमारी इच्छा के लिए एक तंत्र को आगे बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि इसमें पारदर्शिता होगी। हमें इन चीजों पर समझौता करने की जरूरत नहीं है।’
