सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी जेट एयरवेज को उबारने की योजना को खारिज करने की गुहार लगाई है। पीएनबी ने 2 साल पहले परिचालन बंद कर चुकी एयरलाइन जेट एयरवेज को फिर से खड़ा करने की योजना से बकाया वसूली प्रभावित होने की बात कही है। नैशनल कंपनी लॉ अपीलीय ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में गुरुवार को दायर अपने आवेदन में पीएनबी ने कहा कि अदालत द्वारा जेट मामले में नियुक्त अधिकारी ने करीब 10 अरब रुपये के उसके दावे को स्वीकार किया था लेकिन बाद में इसे घटाकर 2 अरब रुपये कर दिया गया।
ट्रिब्यूनल में पीएनबी की तरफ से पक्ष रखने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने बताया कि बैंक ने चुकाई जाने वाली रकम में कटौती को मनमाना एवं गैरकानूनी बताते हुए बचाव योजना का विरोध किया है। अपीली पंचाट पीएनबी की दलील को सुनने के लिए राजी हो गया है और 21 सितंबर को इस पर सुनवाई होगी। देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन रही जेट एयरवेज कर्ज के भारी बोझ तले दबने और घाटा बढऩे से अप्रैल 2019 से ही परिचालन बंद कर चुकी है। जेट पर बकाया कर्ज की वसूली के लिए वित्तीय ऋणदाताओं ने पिछले साल एक समाधान योजना को मंजूर किया था।
पीएनबी ने कहा है कि जेट को उबारने के लिए उसमें 10 अरब रुपये की कार्यशील पूंजी डालने की पेशकश खारिज कर देनी चाहिए क्योंकि इसमें कई अनियमितताएं हैं। लंदन स्थित कालरॉक कैपिटल और संयुक्त अरब अमीरात के एक कारोबारी की भागीदारी वाले एक कंसोर्टियम ने जेट एयरवेज में पूंजी लगाने की पेशकश की थी। इस मामले में टिप्पणी के लिए संपर्क किए जाने पर पीएनबी, कंसोर्टियम और अदालत द्वारा नियुक्त अधिकारी आशीष छावछडिय़ा ने कोई जवाब नहीं दिया।