बुधवार को हुई ट्रेजरी बिल (Treasury bills) की नीलामी में उम्मीद से कम मांग रही, जिसका कारण व्यवस्था में नकदी के सख्त हालात हैं। डीलरों ने यह जानकारी दी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने 91 दिन, 182 दिन और 364 दिन के ट्रेजरी बिल (T-bills) का कटऑफ प्रतिफल (yield) क्रमश: 6.74 फीसदी, 6.87 फीसदी और 6.88 फीसदी तय किया है।
91 दिन वाले ट्रेजरी बिल का कटऑफ प्रतिफल 2 आधार अंक ज्यादा, वहीं 182 दिन के ट्रेजरी बिल का कटऑफ प्रतिफल पिछले हफ्ते के मुकाबले 4 आधार अंक ज्यादा था। हालांकि 364 दिन के ट्रेजरी बिल का कटऑफ प्रतिफल पिछले हफ्ते के मुकाबले 3 आधार अंक कम था।
प्राइमरी डीलरशिप के एक डीलर ने कहा, पिछले हफ्ते सरकारी खर्च व अन्य वजहों से नकदी की स्थिति बेहतर थी। अब हम देख सकते हैं कि नकदी के चलते ओवरनाइट दरें भी चढ़ गई हैं।
ताजा आंकड़े बताते हैं कि बैंकों ने RBI के पास मंगलवार को करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये जमा कराए। यह 4 जुलाई को 2.3 लाख करोड़ रुपये था।
ओवरनाइट वेटेड एवरेज कॉल रेट बुधवार को 6.46 फीसदी था, जो 5 जुलाई को 6.41 फीसदी रहा था।
सरकारी बैंक के एक डीलर ने कहा, मांग-आपूर्ति के मसले के अलावा नकदी की ट्रेजरी बिल के कटऑफ में अहम भूमिका होती है। बाजार 91 दिन वाले बिल के लिए करीब 70-71 फीसदी, 182 दिन के लिए करीब 82 फीसदी और एक साल वाले ट्रेजरी बिल के लिए 85-86 फीसदी की उम्मीद कर रहा था।