facebookmetapixel
2 Maharatna PSU Stocks समेत इन 3 स्टॉक्स को खरीदने की सलाह, ब्रोकरेज ने दिए ₹4,880 तक के टारगेटStock Market Today: गिफ्ट निफ्टी से सपाट संकेत, वैश्विक बाजारों में मिलाजुला रुख; आज कैसी रहेगी बाजार की चाल?खरीदारी पर श्राद्ध – जीएसटी की छाया, मॉल में सूने पड़े ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोरएयरपोर्ट पर थर्ड-पार्टी समेत सभी सेवाओं के लिए ऑपरेटर होंगे जिम्मेदार, AERA बनाएगा नया नियमकाठमांडू एयरपोर्ट से उड़ानें दोबारा शुरू, नेपाल से लोगों को लाने के प्रयास तेजभारत-अमेरिका ट्रेड डील फिर पटरी पर, मोदी-ट्रंप ने बातचीत जल्द पूरी होने की जताई उम्मीदApple ने उतारा iPhone 17, एयर नाम से लाई सबसे पतला फोन; इतनी है कीमतGST Reforms: इनपुट टैक्स क्रेडिट में रियायत चाहती हैं बीमा कंपनियांमोलीकॉप को 1.5 अरब डॉलर में खरीदेंगी टेगा इंडस्ट्रीज, ग्लोबल मार्केट में बढ़ेगा कदGST 2.0 से पहले स्टॉक खत्म करने में जुटे डीलर, छूट की बारिश

कर्ज देने की धारणा में सुधार

Last Updated- December 12, 2022 | 10:31 AM IST

कोविड-19 से प्रभावित पहली तिमाही (वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही) के बाद कर्ज देने को लेकर बैंकरों की धारणा में व्यापार स्तर पर सुधार हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक के बैंक उधारी सर्वे (बीएलएस) से पता चलता है कि कर्ज की मांग में भी सुधार होने की उम्मीद है। प्रतिक्रियाओं से पता चलता है कि खुदरा व व्यक्तिगत ऋण, जो इस अवधि के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुआ था, में अब फिर से तेजी लौटी है। अगर अन्य प्रमुख क्षेत्रों से तुलना करें तो बुनियादी ढांचा, खनन और खदान क्षेत्र को लेकर उम्मीद कम है। यह सर्वे रिजर्व बैंक की दिसंबर 2020 बुलेटिन का हिस्सा है। 
 
कोविड-19 महामारी और इससे जुड़े लॉकडाउन की वजह से पहली तिमााही में सभी सेक्टर में कर्ज में संकुचन आयाा है, जिसकी वजह से कर्जदाताओं की धारणा कमजोर हुई थी।  बहरहाल सितंबर तिमाही में कर्ज के पेशकश के मामले में तेजी से सुधार हुआ और यह सुधार व्यापक आधार वाला रहा। खुदरा/व्यक्गित ऋण की मांग में सबसे तेज रिकवरी हुई है, जबकि पहली तिमाही में इसमें सबसे तेज गिरावट आई थी।  जनवरी-मार्च 2020 के दौरान बीएलएस के 11वें दौर में वरिष्ठ ऋण अधिकारियों ने कर्ज की मांग को लेकर सभी क्षेत्रों में कम उम्मीद जताई थी। उन्होंने संकुचन का अग्रिम अनुमान नहीं दिया, क्योंकि वे महामारी की तात्कालिक स्थिति को देखते हुए कुछ स्पष्ट अनुमान नहीं लगा सके थे।
 
उसके बाद के लगातार दो सर्वे में तिमाही आधार पर कर्ज की मांग की उम्मीदों में सुधार हुआ। प्रमुख क्षेत्रों को लेकर बैंकरों की आम धारणा थी कि खुदरा/व्यक्तिगत ऋण और कृषि क्षेत्र में तत्काल तेजी आएगी और उसके बाद विनिर्माण व सेवा क्षेत्र का स्थान रहेगा।  बैंकर कर्ज की सेवा व शर्तों में अचानक तिमाही बदलाव का अनुमान नहीं लगा रहे हैं। यह सभी क्षेत्रों में कर्ज के प्रदर्शन, व्यापक आर्थिक स्थितियों और सभी क्षेत्रों में वृद्धि के अपसरों पर ज्यादा निर्भर है।  कृषि एवं व्यक्तिगत ऋण क्षेत्र हमेशा सकारात्मकक्षेत्र में रहा है, जिससे इस क्षेत्र में कर्ज की बेहतर सेवा व शर्तों के संकेत मिलते हैं। बुलेटिन में कहा गया है कि सेवा क्षेत्र में भी कर्ज की सेवा व शर्र्तों की धारणा  सरल होने के संकेत हैं, जो लॉकडाउन के दौरान किए गए आकलन की तुलना में बेहतर है। 

First Published - December 24, 2020 | 9:11 PM IST

संबंधित पोस्ट