येस बैंक ने पिछले शुक्रवार को अपने सितंबर तिमाही के नतीजे जारी किए और प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद के साथ यह शेयर पांच प्रतिशत की तेजी के साथ अपर सर्किट को छू गया था। हालांकि सोमवार की कमजोर बाजार धारणा का इस शेयर पर प्रभाव पड़ा जिसकी वजह यह थी कि शुद्घ लाभ की लगातार दो तिमाहियों (दूसरी तिमाही में 129 करोड़ रुपये, पहली तिमाही के प्रदर्शन के मुकाबले बेहतर) के बावजूद विश्लेषक इस ऋणदाता पर अपने नजरिये में बदलाव की जल्दबाजी में नहीं दिख रहे हैं। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज इस शेयर के लिए बनाए रखें की रेटिंग के साथ अपवाद था, जबकि ज्यादातर ब्रोकरेज इस शेयर पर नकारात्मक बने हुए हैं।
बाजार की चिंता येस बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता को लेकर है। बैंक ने फंसे कर्ज की पहचान के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की वजह से दूसरी तिमाही में सिर्फ 100 करोड़ रुपये की एनपीए दर्ज कीं। लेकिन इसके लिए, बैंक को 2,390 करोड़ रुपये एनपीए के तौर पर चिन्हित करने होंगे। 60 दिन के लिए बकाया ऋण 4,060 करोड़ रुपये हैं और 30 दिन के लिए बकाया 9,100 करोड़ रुपये पर दर्ज किया गया। बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी प्रशांत कुमार ने कहा, ‘हमने दूसरी तिमाही में 1,900 करोड़ रुपये मुहैया कराए।’ 9 प्रतिशत पर बैंक का एनपीए अनुमान अपरिवर्तित बना हुआ है जिससे संकेत मिलता है कि फंसे कर्ज को लेकर उसका नियंत्रण बना हुआ है। इसलिए प्रावधान लागत नहीं घट सकती है, हालांकि कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का कहना है कि कोविड-19 संबंधित 1,920 करोड़ रुपये का प्रावधान 30 दिन और इससे अधिक समय के बकाया ऋणों को कवर कर सकता है।
जमाएं तिमाही आधार पर 16 प्रतिशत बढ़कर दूसरी तिमाही में 1.36 लाख करोड़ रुपये रहीं, जो सकारात्मक बदलाव है, हालांकि इसमें ज्यादा योगदान (करीब 44 प्रतिशत) कॉरपोरेट जमाओं का रहा। कुमार ने कहा, ‘हम अब जमाओं पर ग्राहकों का मजबूत भरोसा देख रहे हैं।’ लेकिन क्या प्रमुख बैंकों में ऊंची जमा दरों की पेशकश के बावजूद इससे बैंक का रिटेल
आकर्षक बढ़ाने में मदद मिल सकती है, इस पर नजर रखने की जरूरत होगी।
दूसरी तिमाही में 3,760 करोड़ रुपये पर रिटेल ऋण वितरण एक साल पहले के 3,100 करोड़ रुपये और पहली तिमाही के 400 करोड़ रुपये के मुकाबले ज्यादा है। बैंक ने तीसरी तिमाही में रिटेल और एसएमई के लिए 6,000 करोड़ रुपये और 4,000 करोड़ रुपये के ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा है। जहां कॉरपोरेट ऋणों का कुल ऋणों में 56 प्रतिशत का योगदान बना हुआ है, वहीं कुमार का मानना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट के लिए बड़े आकार के ऋण देना मौजूदा समय में प्राथमिकता नहीं होगी।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज को उम्मीद है कि येस बैंक उद्योग के औसत व्यवसाय फ्रेंचाइजी और प्रोफाइल के साथ बेहद लोकप्रिय बैंक के तौर पर उभरेगा।
