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वित्तीय समावेशन बढ़ाने पर जोर

Last Updated- December 12, 2022 | 12:07 AM IST

केंद्र ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कहा है कि वे वित्तीय समावेशन, पेंशन और बीमा कवरेज के लक्ष्य को तत्परता से पूरा करें तथा त्योहारी मौसम में ग्राहकों को ऋण मुहैया कराने के लिए सह-ऋण व्यवस्था के तहत फिनटेक का उपयोग करें।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पहले ही अर्थव्यवस्था में सुधार को सहारा देने के लिए ऋण आवंटन कार्यक्रम शुरू कर दिए हैं। सरकार अक्टूबर 2019 की तरह देश के सभी जिलों में ऋण मेला आयोजित करने की भी योजना बना रही है। ऋण मेले को नवंबर में शुरू किया जा सकता है। हालांकि सरकार द्वारा बैंकों को व्यापक लक्ष्य दिया गया है जिसमें वित्तीय समावेशन से लेकर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और सूक्ष्म ऋण संस्थाओं (एमएफआई) के साथ सह-ऋण अनुंबध करना शामिल हैं।
वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए बैंकों से कहा गया है कि वे मतदाता सूची से 21 साल की आयु पूरी करने वाले ऐसे लोगों की पहचान करें, जिनका बैंक खाता नहीं है। बैंक ऐसे लोगों के खाते प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोलेंगे। डिजिटल को बढ़ावा देने के लिए सरकारी बैंकों को महानगरों एवं शहरी इलाकों में 100 फीसदी जनधन खाताधारकों को रुपे कार्ड देने तथा कस्बाई और ग्रामीण इलाकों में 90 फीसदी जनधन खाताधारकों को यह कार्ड देने का लक्ष्य दिया गया है। 10 अक्टूबर तक जनधन खाताधारकों को करीब 31.57 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए हैं। देश में वित्तीय समावेशन का आकलन करने वाला भारतीय रिजर्व बैंक का वित्तीय समावेशन सूचकांक मार्च 2017 के 43.4 से बढ़कर 53.9 पर पहुंच गया। बैंकों से कहा गया है कि चालू जनधन खाताधारकों के प्रत्येक परिवार को पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत कवर किया जाए। बैंकों से 40 साल तक उम्र वालों की पहचान कर उन्हें जीवन ज्योति बीमा, पीएम सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना के दायरे में लाने के लिए कहा गया है। कुल 43.64 करोड़ जनधन खातों में से 18 अगस्त तक 85.6 फीसदी यानी 36.86 करोड़ खाते सक्रिय थे। पीएम जीवन ज्योति बीमा और पीएम सुरक्षा बीमा योजना 2015 में शुरू की गई थीं, जिनका उद्देश्य इस योजना के दायरे में आने वाले सभी लाभार्थियों को 2 लाख रुपये तक जीवन और दुर्घटना बीमा कवर प्रदान करना है। इसके लिए क्रमश: 330 रुपये और 12 रुपये का सालाना प्रीमियम तय किया गया है।
कृषि संबंधी ऋण में तेजी लाने के लिए सरकारी बैंकों को पीएम-किसान योजना के तहत लाभार्थी किसानों की पहचान कर किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया कराने के लिए कहा गया है। सरकार अब तक 2.5 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड जारी कर चुकी है, जिनकी कुल क्रेडिट लिमिट 2.62 लाख करोड़ रुपये है।
सह-ऋण मॉडल : केंद्र ने सरकारी बैंकों से एनबीएफसी और एमएफआई के साथ मिलकर ऋण देने का करार यानी सह-ऋण अनुबंध करने के लिए कहा है। एनबीएफसी और एमएफआई की ग्रामीण इलाकों में अच्छी पहुंच है, ऐसे में ये आसानी से ऋण मुहैया करा सकते हैं।

First Published - October 20, 2021 | 11:17 PM IST

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