facebookmetapixel
कृषि को लाभदायक बिजनेस बनाने के लिए ज्यादा ऑटोमेशन की आवश्यकताQ2 Results: टाटा स्टील के मुनाफे में 272% की उछाल, जानें स्पाइसजेट और अशोक लीलैंड समेत अन्य कंपनियों का कैसा रहा रिजल्टसेबी में बड़े बदलाव की तैयारी: हितों के टकराव और खुलासे के नियम होंगे कड़े, अधिकारियों को बतानी होगी संप​त्ति!Editorial: आरबीआई बॉन्ड यील्ड को लेकर सतर्कनिर्यातकों को मिली बड़ी राहत, कैबिनेट ने ₹45,060 करोड़ की दो योजनाओं को दी मंजूरीसीतारमण का आठवां बजट राजकोषीय अनुशासन से समझौता नहीं कर सकताटाटा मोटर्स की कमर्शियल व्हीकल कंपनी की बीएसई पर हुई लिस्टिंग, न्यू एनर्जी और इलेक्ट्रिफिकेशन पर फोकसग्लोबल एआई और सेमीकंडक्टर शेयरों में बुलबुले का खतरा, निवेशकों की नजर अब भारत परसेबी की चेतावनी का असर: डिजिटल गोल्ड बेचने वाले प्लेटफॉर्मों से निवेशकों की बड़ी निकासी, 3 गुना बढ़ी रिडेम्पशन रेटप्रदूषण से बचाव के लिए नए दिशानिर्देश, राज्यों में चेस्ट क्लीनिक स्थापित करने के निर्देश

क्लिक्स संग विलय पर विचार 7 को

Last Updated- December 14, 2022 | 9:38 PM IST

भारी पूंजी संकट से जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) क्लिक्स कैपिटल एवं उसकी सहायक इकाइयों के साथ विलय के प्रस्ताव पर 7 नवंबर को अंतिम निर्णय ले सकता है। उस दिन सितंबर तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी करने के लिए बैंक के बोर्ड की बैठक होगी।
प्रस्तावित विलय पर करीबी से काम कर रहे एक व्यक्ति ने कहा, ‘दोनों पक्ष विलय को लेकर उत्सुक हैं लेकिन मूल्यांकन को लेकन उनमें सहमति नहीं बन पा रही है।’
समझा जाता है कि रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की गैर-बैंकिंग वित्तीय इकाई रेलिगेयर फिनवेस्ट के साथ चल रही मुकदमेबाजी क्लिक्स के लिए विवाद की वजह बन गई है। सूत्रों का कहना है कि 750 से 800 करोड़ रुपये की देनदारी के साथ इस मामले में क्लिक्स कैपिटल का रुख विलय के लिए मूल्यांकन को अंतिम रूप देने के लिए महत्त्वपूर्ण होगा। इस संबंध में लक्ष्मी विलास बैंक के दो पूर्व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है।
बिजनेस स्टैंडर्ड ने 29 सितंबर खबर दी थी कि यदि विलय प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है तो क्लिक्स कैपिटल अपने निदेशकों को मुकदमेबाजी से दूर रखने की मांग करेगी। सूत्रों ने कहा, ‘रेलिगेयर मुद्दे के अलावा क्लिक्स और लक्ष्मी विलास बैंक के बीच कोई बड़ा मतभेद नहीं है।’ जाहिर तौर पर जांच-परख की प्रक्रिया काफी हद तक पूरी हो चुकी है और अब दोनों पक्षों को अपने मतभेदों को दूर करना होगा।
रेलिगेयर फिनवेस्ट मुद्दे पर सहमति बनने के बाद लक्ष्मी विलास बैंक और क्लिक्स कैपिटल सौदे का मूल्यांकन पर सहमति बना लेंगे। क्लिक्स की शुद्ध हैसियत 1,300  से 1,500 करोड़ रुपये है जबकि लक्ष्मी विलास बैंक का बाजार पूंजीकरण 525 करोड़ रुपये रुपये है। इस प्रकार शेयर अदला-बदली अनुपात करीब 3:1 होगा जो क्लिक्स कैपिटल के पक्ष में अधिक है।
इस मामले से अवगत एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘इन मूल्यांकन पर लक्ष्मी विलास बैंक के प्रतिनिधियों को लगता है कि उसके बैंकिंग लाइसेंस और शाखा की ताकत को शामिल नहीं किया गया है।’ वर्तमान में विलय के मुद्दे पर क्लिक्स के साथ लक्ष्मी विलास बैंक का कोई विशेष समझौता नहीं है। सूत्रोंं ने कहा कि बैंक के पास विचार-विमर्श के लिए अधिक समय नहीं है।
उधर, समझा जाता है कि अनुभवी बैंकर अवतार मोंगा को लक्ष्मी विलास बैंक का अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। मोंगा इससे पहले आईडीएफसी बैंक (अब आईडीएफसी फस्र्ट बैंक) के एक कार्यकारी निदेशक थे। वह बैंक ऑफ अमेरिका के ग्लोबल डिलिवरी सेंटर ऑफ एक्सपर्टीज के प्रमुख भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह जीई कैपिटल में भी काम कर चुके हैं जहां उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के साथ क्रेडिट कार्ड उद्यम बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
 

First Published - November 6, 2020 | 1:25 AM IST

संबंधित पोस्ट