facebookmetapixel
इन 11 IPOs में Mutual Funds ने झोंके ₹8,752 करोड़; स्मॉल-कैप की ग्रोथ पोटेंशियल पर भरोसा बरकरारPM Kisan Yojana: e-KYC अपडेट न कराने पर रुक सकती है 21वीं किस्त, जानें कैसे करें चेक और सुधारDelhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने पकड़ा जोर, अस्पतालों में सांस की बीमारियों के मरीजों की बाढ़CBDT ने ITR रिफंड में सुधार के लिए नए नियम जारी किए हैं, टैक्सपेयर्स के लिए इसका क्या मतलब है?जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बड़ा जाल फरीदाबाद में धराशायी, 360 किलो RDX के साथ 5 लोग गिरफ्तारHaldiram’s की नजर इस अमेरिकी सैंडविच ब्रांड पर, Subway और Tim Hortons को टक्कर देने की तैयारीसोने के 67% रिटर्न ने उड़ा दिए होश! राधिका गुप्ता बोलीं, लोग समझ नहीं रहे असली खेलIndusInd Bank ने अमिताभ कुमार सिंह को CHRO नियुक्त कियाहाई से 40% नीचे मिल रहा कंस्ट्रक्शन कंपनी का शेयर, ब्रोकरेज ने कहा- वैल्यूएशन सस्ता; 35% तक रिटर्न का मौकात्योहारी सीजन में दिखा खरीदारी का स्मार्ट तरीका! इंस्टेंट डिजिटल लोन बना लोगों की पहली पसंद

बैकिंग प्रणाली में गिरेगी नकदी, मगर शॉर्ट टर्म की बॉन्ड यील्ड पर नहीं पड़ेगा प्रमुख असर

भारतीय रिजर्व बैंक के नवीनतम आंकड़े के अनुसार बैंकिंग प्रणाली में गुरुवार को अतिरिक्त राशि 1.96 लाख करोड़ रुपये थी।

Last Updated- September 15, 2024 | 10:31 PM IST
RBI

बैंकिंग प्रणाली में दो महीने तक नकदी का अधिशेष रहने के बाद इस सप्ताह में गिरावट आने की उम्मीद है। बाजार के साझेदारों के अनुसार नकदी में गिरावट इस सप्ताह अग्रिम कर के भुगतान और जीएसटी की राशि निकाले जाने के कारण होने की उम्मीद है।

भारतीय रिजर्व बैंक के नवीनतम आंकड़े के अनुसार बैंकिंग प्रणाली में गुरुवार को अतिरिक्त राशि 1.96 लाख करोड़ रुपये थी।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘अग्रिम कर के भुगतान और जीएसटी के लिए धन निकाले जाने के कारण नकदी में गिरावट आएगी। अक्टूबर में सरकार के ढंग से खर्च किए जाने के कारण नकदी मजबूत थी।’

बैंकिंग प्रणाली में अगस्त के दौरान नकदी अधिशेष थी। इस माह में नकदी 1.46 लाख करोड़ से 2.86 लाख करोड़ रुपये थी। इसके कारण केंद्रीय बैंक को अधिशेष का प्रबंधन करने के कारण कई बार परिवर्तनीय दर रिवर्स रीपो (VRRR) की नीलामी करनी पड़ी थी। दरअसल 4 अगस्त को सरकारी खर्च के कारण नकदी सुधर कर साल के उच्च स्तर 2.77 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई थी।

बॉन्ड मार्केट के साझेदारों के अनुसार नकदी कम होने का अल्पावधि की बॉन्ड यील्ड पर प्रमुख असर नहीं पड़ेगा। इसका कारण यह है कि सितंबर में ट्रेजरी बिल की आपूर्ति कम होने से बाजार का रुझान मजबूत रहा है। इस महीने आरबीआई ने दो ट्रेजरी बिल के लिए नीलामी को रद्द कर दिया था।

सरकारी बैंक के डीलर ने बताया, ‘अभी मार्केट नकदी को मुद्दा नहीं देखता है। ट्रेजरी बिल की नीलामी रद्द होने के कारण अल्पावधि के बॉन्ड आकर्षक है।’ भारतीय रिजर्व बैंक सक्रिय है और जरूरत पड़ने पर नकदी को निकालेगा और उपलब्ध कराएगा। हालांकि यूएस फेडरल की आगामी बैठक में कुछ बदलाव होने पर भी कारोबारियों की नजर है।

First Published - September 15, 2024 | 10:30 PM IST

संबंधित पोस्ट