IDBI बैंक के निजीकरण के लिए बोलियां मार्च तक आमंत्रित किए जाने की संभावना है। वहीं बिक्री प्रक्रिया का समापन अगले वित्त वर्ष में हो सकता है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सरकार ने IDBI बैंक में कुल 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर बैंक का निजीकरण करने के लिए पिछले सप्ताह संभावित निवेशकों से बोलियां आमंत्रित की थीं। इसके लिए बोलियां या रुचि पत्र (EOI) जमा करने की अंतिम तिथि 16 दिसंबर, 2022 तय की गई है।
IDBI बैंक के निजीकरण में लग सकते है छह महीने
EOI और इच्छुक आवेदनकर्ताओं के भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ‘उचित एवं उपयुक्त’ मूल्यांकन की मंजूरी मिलने और गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने के बाद योग्य बोलीदाताओं को ‘डेटा रूम’ तक पहुंच प्रदान की जायेगी। अधिकारियों ने कहा कि आमतौर पर प्रक्रिया पूरी होने और वित्तीय बोलियां प्राप्त करने में लगभग छह महीने लगते हैं।
हम मार्च तक IDBI बैंक के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित करने की उम्मीद लगा रहे हैं। यह देखते हुए कि बैंक में रणनीतिक बिक्री का यह पहला मामला होगा, इसलिए प्रक्रिया के दौरान बहुत सारे सवाल उठने की भी आशंका है। अधिकारियों के अनुसार IDBI बैंक की रणनीतिक बिक्री की प्रक्रिया सितंबर तक समाप्त होने की संभावना है। संभावित निवेशक के पास आवेदन करने के लिए न्यूनतम 22,500 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति होनी चाहिए। साथ ही बोली लगाने के लिए पात्र होने को लेकर पिछले पांच में से तीन साल में कंपनी का शुद्ध लाभ में होना जरूरी है।
केंद्र सरकार और LIC बेचेंगी अपनी हिस्सेदारी
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के पास वर्तमान में IDBI बैंक में 529.41 करोड़ शेयरों के साथ 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि केंद्र सरकार के पास 488.99 करोड़ शेयरों के साथ 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वहीं, हिस्सेदारी बिक्री के बाद बैंक में एलआईसी और सरकार की संयुक्त हिस्सेदारी 94.72 प्रतिशत से घटकर 34 प्रतिशत रह जाएगी।
सरकार इस बैंक में अपनी 30.48 प्रतिशत और एलआईसी 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। दोनों की हिस्सेदारी मिलाकर IDBI बैंक की इक्विटी शेयर पूंजी का 60.72 प्रतिशत है। एलआईसी द्वारा बैंक की कुल चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 51 प्रतिशत प्राप्त करने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने 21 जनवरी, 2019 से IDBI बैंक को निजी क्षेत्र के बैंक के रूप में वर्गीकृत कर दिया था। गौरतलब है कि सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 24,544 करोड़ रुपये वह पहले ही जुटा चुकी है।