वीडियोकॉन ऑयल वेंचर्स, एमटेक ऑटो, रिलायंस नेवल ऐंड इंजीनियरिंग और लवासा कॉरपोरेशन समेत 22 कंपनियों की बड़ी गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां नैशनल ऐसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी (एनएआरसीएल) को बेची जाएगी। इन कंपनियों को कर्ज समाधान के लिए पहले दिवालिया संहिता के तहत एनसीएलटी भेजा गया था। लंबे काननी संघर्ष के कारण इन खातों के समाधान में काफी देर हो रही है, ऐसे में लेनदार इनकी बिक्री एनएआरसीएल को करने की योजना बना रहे हैं।
बैंंकिंग सूत्र के मुताबिक, भारतीय स्टेट बैंक वीडियोकॉन ऑयल वेंचर्स को दिए गए 22,352 करोड़ रुपये के कर्ज की बिक्री की योजना बना रहा है जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का इरादा एमटेक ऑटो को दिया गया 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज बेचने का है। रिलायंस नेवल ऐंड इंजीनियरिंग को दिया गया 8,934 करोड़ रुपये का कर्ज आईडीबीआई बैंक बेचेगा।
इसके अलावा लवाला कॉरपोरेशन को दिया गया 1,400 करोड़ रुपये का कर्ज भी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया बेचेगा।
बैंंकिंग सूत्रों ने कहा कि वीडियोकॉन ऑयल वेंचर्स को लेनदारों की तरफ से शुरू किए गए कर्ज समाधान के दौरान अच्छी पेशकश नहींं मिली। इसके अलावा वीडियोकॉन ऑयल की मूल कंपनी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज का कर्ज समाधान कानूनी संघर्ष में फंसा रहा। रिलायंस नेवल ऐंड इंजीनियरिंग के मामले में भी बैंकों को मुंबई की हाजेल मर्केंटाइल से 2,100 करोड़ रुपये की पेशकश मिली जबकि नवीन जिंदल समूह की तरफ से 400 करोड़ रुपये की पेशकश।
लवासा कॉरपोरेशन के मामले में बैंकों ने अभी धीर होटल्स ऐंड रिजॉट्र्स और डार्विन प्लेटफॉर्म इन्फ्रास्ट्रक्चर की तरफ से मिली पेशकश पर फैसला नहीं लिया है। बैंंकिंग सूत्रों ने यह जानकारी दी। लवासा कॉर्प के लिए समाधान निकालने की आखिरी तारीख 25 नवंबर है। लवासा का 1,400 करोड़ रुपये का कर्ज यूनियन बैंक बेचेगा।
एनएआरसीएल को पिछले साल अक्टूबर में परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी के तौर पर परिचालन का लाइसेंस आरबीआई से मिला है और उसकी योजना अगले साल मार्च तक परिचालन शुरू करने की है। एनएआरसीएल की योजना इन खातों का अधिग्रहण 15 फीसदी अग्रिम नकद के जरिए करने और बाकी रकम सिक्योरिटी रिसीट्स के जरिए चुकाने की है।
भारत सररकार की योजना एनएआरसीएल की तरफ से जारी सिक्योरिटी रिसीट्स के लिए 30,600 करोड़ रुपये तक की गारंटी देने की है। यह गारंटी पांच साल के लिए वैध होगी। गारंटी भुनाने की शर्त समाधान या परिसमापन होगी। इस गारंटी में सिक्योरिटी रिसीट्स की फेस वैल्यू व वास्तविक वसूली के बीच का अंतर कवर होगा।
एनएआरसीएल लीड बैंकों को पेशकश के जरिए परिसंपत्तियों का अधिग्रहण करेगा। जब एनएआरसीएल की पेशकश स्वीकार कर ली जाएगी तब अन्य सरकारी समर्थित फर्म इंडिया डेट रिजॉल्यूशन कंपनी को प्रबंधन व वैल्यू एडिशन में लगाया जाएगा। पहले चरण में बैंक एनएआरसीएल को 90,000 करोड़ रुपये तक का कर्ज हस्तांतरित करेंगे।