सरकारी स्वामित्व वाले बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने गुरुवार को 10 वर्षीय इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिये 5,000 करोड़ रुपये जुटाए। इसके लिए कूपन रेट यानी ब्याज दर 7.54 फीसदी है। भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश के अनुसार बैंक इस राशि का उपयोग दीर्घकालिक रूप से आधारभूत ढांचे के उपखंडों और किफायती घरों के लिए दिए जाने वाले ऋण में करेंगे। बैंक को 15,318 करोड़ रुपये की 127 निविदाएं प्राप्त हुईं और इसमें से बैंक ने 5000 करोड़ रुपये मूल्य की 57 निविदाओं को मंजूरी दी।
इस इश्यू का आधार आकार 2,000 करोड़ रुपये था और इसमें 3000 करोड़ रुपये का ग्रीन शू विकल्प था। इस राशि का इस्तेमाल बैंक आधारभूत परियोजनाओं के लिए ऋण देने में करेगा। अब तक कई बैंक इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिए अच्छी रकम जुटा चुके हैं।
बीओआई से पहले केनरा बैंक ने बीते सप्ताह 7.40 फीसदी दर वाले 10 वर्षीय इन्फ्रास्टक्चर बॉन्ड के जरिये 10,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। इससे पूर्व भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने दो बार में ऋण बाजार से 7.36 फीसदी की दर पर धन जुटाया था। एसबीआई ने 26 जून को 10,000 करोड़ रुपये जुटाए थे और इसके बाद 10 जुलाई को 10,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त जुटाए थे।
दरअसल बैंक जमा राशि कम जुटा पा रहे हैं। इसलिए बैंक दीर्घावधि के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड से राशि जुटाने लगे हैं। एक अन्य सार्वजनिक ऋणदाता बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने कहा है कि उसकी नजर इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिये 10,000 करोड़ रुपये जुटाने पर है।