विश्लेषकों का मानना है कि ऐक्सिस बैंक के लिए सिटी के साथ हुए विलय सौदे का लाभ वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में ही दिखने की संभावना है। इसके अलावा, ऋणदाता के प्रबंधन ने संकेत दिया है कि वह चालू वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में 11,600 करोड़ रुपये को बट्टे खाते में डालेगा।
विश्लेषकों ने आशंका जताई है कि इससे बैंक को एकमुश्त नुकसान उठान पड़ सकता है, या चौथी तिमाही में उसके शुद्ध लाभ में बड़ी कमजोरी देखी जा सकती है। एकमुश्त समायोजन से तिमाही में ऋणदाता की नेटवर्थ भी प्रभावित हो सकती है।
जेफरीज के विश्लेषकों प्रखर खर्मा और विनायक अग्रवाल के अनुसार, वित्त वर्ष 2024/वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में ऐक्सिस बैंक की आय अधिग्रहण से मामूली होगी, क्योंकि बैंक 1,500 करोड़ रुपये की समेकन लागत का सामना करेगा। विश्लेषकों ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘हम वित्त वर्ष 2025 की दूसरी या तीसरी तिमाही में पूरी तरह से भरपाई के स्तर पर पहुंच सकते हैं। ’
ऐक्सिस बैंक ने बुधवार को घोषणा की कि उसने सिटी के विभिन्न व्यवसायों का बैंक में विलय कर लिया है। निर्णाणक अधिग्रहण कीमत पहले संभावित 12,300 के मुकाबले 11,600 करोड़ रुपये थी। ऋण बुक (क्रेडिट कार्ड, मॉर्गेज और अन्य) में बड़ा बदलाव नहीं आया, जबकि जमाओं (सालाना आधार पर 20 प्रतिशत) में गिरावट आई।
एचएसबीसी के अभिषेक मुरारका ने राहिल शाह और प्रियेश जैन के साथ मिलकर तैयार की गई रिपोर्ट में कहा है, ‘सिटीबैंक इंडिया का अधिग्रहण हालांकि महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे हमें वित्त वर्ष 2024/वित्त वर्ष 2025 के लिए महज 1.5 प्रतिशत/5.4 प्रतिशत के ईपीएस अनुमान, 4.5 प्रतिशत की जमाओं, और 100 आधार अंक की सीएएसए वृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिली है। परिसंपत्तियों पर प्रतिफल (आरओए) में किसी तरह की बड़ी तेजी वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में ही देखी जा सकती है।’
एकमुश्त नुकसान को ध्यान में रखते हुए विश्लेषकों ने वित्त वर्ष 2023 के लिए ऐक्सिस बैंक के ईपीएस अनुमानों में कटौती की है। उदाहरण के लिए, न्यूवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने चालू वित्त वर्ष के लिए ईपीएस 105 प्रतिशत तक घटाकर 34.2 रुपये कर दिया है, लेकिन वित्त वर्ष 2024 की ईपीएस 54 प्रतिशत तक बढ़ाकर 71.8 रुपये कर दी है।
वहीं कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने ऐक्सिस बैंक के लिए वित्त वर्ष 2023 के ईपीएस अनुमान में 53 प्रतिशत तक की कमी की है, लेकिन वित्त वर्ष 2024 के लिए इसे 118 प्रतिशत तक बढ़ाकर 78.5 रुपये कर दिया है।