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उम्र कम तो बचें पेंशन योजना से

Last Updated- December 07, 2022 | 5:04 PM IST

सेवानिवृत्ति के लिए हर व्यक्ति अलग-अलग ख्वाब बुनता है।


किसी के लिए ये दिन गोल्फ या पोते-पोतियों के संग खेलने या समाज की सेवा करते हुए जिंदगी बिताने के लिए बेहतरीन वक्त है तो कोई इस समय का इस्तेमाल अपने किसी खोए हुए शौक को पूरा करने में करना चाहता है। इसी समय सेहत के गिरने और बैंक खातों के खाली होने का दौर भी शुरू होता है।

20 से लेकर 30 वर्ष तक की उम्र में देखें तो सेवानिवृत्ति का समय अभी काफी दूर है और वास्तव में बहुत कम लोग ही इस समय के लिए कुछ करते हैं। ज्यादातर तो अपने निकट भविष्य जैसे शादी, बच्चे, पहला घर, पहली कार और ऐसी कई बातों की योजना बनाने में मसरूफ होते हैं।

50 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते जब ज्यादातर जिम्मेदारियां पूरी हो जाती हैं, जैसे घर खरीदना, बच्चों का भविष्य आदि तेजी से नजदीक आते सेवानिवृत्ति के समय की जरूरत को खत्म कर देते हैं। इस वक्त लोग सेवानिवृत्ति के लिए पैसों का बंदोबस्त करने की जद्दोजहद में उलझ कर रह जाते हैं।

वे म्युचुअल फंड या अन्य योजनाओं में बड़ा निवेश करते हैं, ताकि उन दिनों में पैसों की चिंता कम हो जाए। पारंपरिक तौर पर ज्यादातर लोग कर्मचारी भविष्य निधि में पैसे लगाते हैं और समझते हैं कि ग्रैच्युटी और पेंशन (अगर है तो) के साथ भविष्य निधि खाते में इकट्ठा हुआ पैसा उनकी सेवानिवृत्ति के लिए काफी है।

इनसे थोड़े सजग लोग इसके अलावा पेंशन योजना खरीद लेते हैं, ताकि जरूरत के समय कुछ अतिरिक्त पैसा हाथ में आ सके। म्युचुअल फंड और शेयरों में शुरुआती दिनों में लगाया गया पैसा अक्सर घर खरीदने, बच्चों की पढ़ाई, कार या पर्यटन में लग जाता है।

आइए सेवानिवृत्ति की योजना के  विभिन्न तरीकों पर नजर डालते हैं:
जीवन बीमा कंपनी से पेंशन योजना खरीदना
अपने खुद की पेंशन योजना बनाना

जहां तक पेंशन योजना खरीदने की बात है, इनमें ज्यादात डेफर्ड प्लान या डेफर्ड एनुइटीज हैं। ये मुख्यतौर पर ऐसी योजनाएं हैं जिनका उद्देश्य सबसे पहले पैसा इकट्ठा करना होता है। और इसके बाद इकट्ठा किए गए पैसे का इस्तेमाल वर्तमान रिटर्न की दरों पर पेंशन योजना (तत्काल वार्षिकी कहा जाता है) को खरीदने में किया जाता है।

हालांकि ये तत्काल वार्षिकी जीवन बीमा निगम किसी भी समय खरीदी जा सकती है। दूसरे शब्दों में इसका मतलब है कि आपको अपने खुद की निवेश योजनाओं से पैसा इकट्ठा करने की जरूरत है और फिर इसका इस्तेमाल वार्षिकी योजना खरीदने में करें। इसलिए 20 से 30 साल पहले पेंशन योजना खरीदने का कोई मतलब नहीं बनता। यहां कुछ और कारण बताए जा रहे हैं कि आखिर आपको पेंशन योजनाएं पहले क्यों नहीं लेनी चाहिए :

अधिक लागत : पहले साल में 10 से 20 प्रतिशत के बीच और दूसरे से तीन साल से 2.5 प्रतिशत लागत

कर का अतिरिक्त बोझ : अगर आप इस तरह की योजनाओं के जरिये 30 लाख रुपये तक जमा कर लेते हैं तो सिर्फ 33 प्रतिशत ही एक-मुश्त के तौर पर अलग रखा जाएगा और कर-मुक्त होगा। बची हुई राशि का इस्तेमाल तत्काल वार्षिकी को खरीदने में करना होगा और इससे मिलने वाली पेंशन कर-मुक्त होगी।

लोच की कमी : इस तरह की योजनाओं में तत्काल वार्षिकी योजना खरीदना अनिवार्य हो जाता है, फिर चाहे आपको इसकी जरूरत हो या न हो।

अब देखते हैं कि कैसे अपनी पेंशन योजना बनाई जाए। जिन्होंने अभी तक शुरुआत नहीं कि है, वे सबसे पहले पेंशन योजना में कितने पैसे लगाएंगे, इस पर ध्यान दें। इसमें कर्मचारी भविष्य निधि, स्वेच्छा से भविष्य निधि में योगदान, ग्रैच्युटी और पेंशन शामिल हो सकते हैं। अब इसके निम् मुख्य नियमों पर योजना को आगे बढ़ाएं:

जब कोई और विकल्प न बचे और पैसों का जुगाड़ कहीं और से न हो सके, तब तक अपने कर्मचारी भविष्य निधि खाते में से कभी पैसे न निकालें।
स्वेच्छा से भविष्य निधि खाते में कुछ पैसे जमा कराएं।
सार्वजनिक भविष्य निधि को सेवानिवृत्ति योजना के तहत देखें।
आपने कैसा घर लेना है, कितने रुपये का यह घर होगा, इस बारे में आप पहले ही अपनी योजना सुनिश्चित कर लें।
शेयरों, विभिनन इक्विटी म्युचुअल फंडों, रियल एस्टेट और सोने में निवेश करें ताकि आपके पास सेवानिवृत्ति के लंबे समय के लिए अच्छी-खासी रकम इकट्ठा हो जाए।
सेवानिवृत्ति के दौरान आपके पास आय के साधन के रूप में हमेशा सावधि जमा, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान जैसे विकल्प मौजूद
होते हैं।
इसके अलावा आपके पास रिवर्स मॉर्गेज जैसे विकल्प भी हैं।
इसे समझ लें कि सेवानिवृत्ति की योजना में पहले पैसा इकट्ठा कराना और फिर इस पैसे को अच्छा रिटर्न कमाने के लिए सही योजनाओं में निवेश करना शामिल है।

First Published - August 18, 2008 | 2:31 AM IST

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