भारत की उद्यम पूंजी (वीसी) फंडिंग जनवरी 2025 के दौरान पिछले साल की तुलना में 69.7 प्रतिशत बढ़कर 88.32 करोड़ डॉलर हो गई। पहले यह 52.05 करोड़ डॉलर थी। सौदों की मात्रा में तेज वृद्धि के कारण ऐसा हुआ। ग्लोबलडेटा के आंकड़ों के अनुसार वीसी सौदों की संख्या भी 40.9 प्रतिशत बढ़कर 131 हो गई जबकि पिछले साल इसी महीने में सौदों की संख्या 93 थी।
ग्लोबलडेटा के प्रमुख विश्लेषक ऑरोज्योति बोस ने कहा, ‘इस वृद्धि से संकेत मिलता है कि भारत के स्टार्टअप न केवल बड़ी संख्या में वीसी सौदों को आकर्षित कर रहे हैं, बल्कि बड़ी मात्रा में पूंजी भी हासिल कर रहे हैं, जिससे बाजार में निवेशकों के बेहतर विश्वास का पता चलता है।’ उन्होंने कहा ‘सौदों की मात्रा और मूल्य दोनों के लिहाज से भारत वीसी फंडिंग गतिविधियों के मामले में वैश्विक स्तर पर शीर्ष पांच बाजारों में बना हुआ है।’
साल के पहले महीने के दौरान भारत में घोषित वीसी फंडिंग के बड़े सौदों में बिल्डिंग सामग्री प्लेटफॉर्म इन्फ्रा डॉट मार्केट का करीब 12.1 करोड़ डॉलर की रकम जुटाना, डायग्नोस्टिक सेवा प्रदाता न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स में 10.94 करोड़ डॉलर की फंडिंग और शिक्षा क्षेत्र में वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली कंपनी लीप फाइनैंस का छह करोड़ डॉलर जुटाना शामिल है।
ग्लोबलडेटा के विश्लेषण के अनुसार इस महीने के दौरान वैश्विक स्तर पर घोषित सभी वीसी सौदों में भारत की हिस्सेदारी 9.9 प्रतिशत रही जबकि सौदों के मूल्य के लिहाज से इसकी हिस्सेदारी 3.6 प्रतिशत रही।
बोस ने कहा, ‘कुछ प्रमुख बाजारों से तुलना करें तो भारत का प्रदर्शन अलग दिखता है। खास तौर पर चीन के मामले में वीसी सौदों की मात्रा में 31.9 प्रतिशत की गिरावट आई और उसके सौदों का मूल्य अपेक्षाकृत सपाट रहा।’ उन्होंने कहा कि भारत का प्रदर्शन एशिया के स्टार्टअप तंत्र में बदलते रुझान को उजागर करता है।