निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधान सभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच तीन चरणों में जबकि हरियाणा में एक ही चरण में एक अक्टूबर को वोट पड़ेंगे। दोनों ही जगह के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे। आयोग ने कहा कि वह महाराष्ट्र के चुनावों की तिथि बाद में घोषित करेगा।
हरियाणा विधान सभा का कार्यकाल आगामी 3 नवंबर और महाराष्ट्र का 26 नवंबर को पूरा हो रहा है। वर्ष 2009 के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव अलग-अलग तिथियों को घोषित होंगे। दोनों राज्यों में वर्ष 2009, 2014 और 2019 में एक ही तारीख पर विधान सभा चुनाव हुए थे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि साल 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधान सभा चुनाव होने जा रहे हैं। कुमार ने इस बहुप्रतीक्षित चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए कहा कि 90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधान सभा के पहले चरण के तहत 18 सितंबर को मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को वोट पड़ेंगे। आखिरी चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होगा। जम्मू-कश्मीर में पहले चरण में 24 सीटों पर जबकि दूसरे और तीसरे चरण में क्रमशः 26 और 40 सीटों पर मतदान होगा। राजीव कुमार के अनुसार हरियाणा में केवल एक ही दिन 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। दोनों राज्यों के वोटों की गितनी 4 अक्टूबर को होगी।
जम्मू-कश्मीर में लगभग एक दशक के बाद विधान सभा चुनाव होंगे, क्योंकि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था और राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य में पहला विधान सभाचुनाव है। बीते साल दिसंबर में उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि वह जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर 2024 से पहले विधान सभा चुनाव कराए।
बहरहाल, कुमार ने कहा कि महाराष्ट्र विधान सभा चुनावों की घोषणा जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा जरूरतों के कारण बाद में की जाएगी। साल 2019 में हरियाणा के साथ ही महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव करवाए गए थे। कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनाव संपन्न होने के बाद अन्य राज्यों में विधान सभा चुनावों की घोषणा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 42.6 लाख महिलाओं सहित कुल 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 20 लाख से अधिक युवा हैं। उन्होंने कहा कि 20 अगस्त को अंतिम मतदाता सूची जारी होगी। मतदान के लिए कुल 11,838 मतदान केंद्र होंगे। उन्होंने कहा कि आयोग के एक दल ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था। उसके बाद वह वहां मौसम ठीक होने और अमरनाथ यात्रा खत्म होने का इंतजार कर रहा था। अमरनाथ यात्रा 19 अगस्त कोपूरी हो जाएगी।
राजीव कुमार द्वारा घोषित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, हरियाणा विधान सभा चुनाव के लिए अधिसूचना 5 सितंबर को जारी होगी तथा नामांकन 12 सितंबर तक दाखिल किए जा सकते हैं। नाम वापसी की आखिरी तारीख 16 सितंबर होगी। यहां मतदान एक चरण में 1 अक्टूबर को होगा तथा 4 अक्टूबर को मतगणना होगी। हरियाणा के कुल 90 विधान सभा क्षेत्रों में 2.01 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 95 लाख महिलाएं हैं।
हरियाणा में वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार है। पिछले विधान सभा चुनाव के बाद राज्य में भाजपा ने जननायक जनता पार्टी (जजपा) के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई थी। हालांकि लोक सभा चुनाव में सीट साझेदारी को लेकर असहमति के बाद यह गठबंधन टूट गया था। बाद में भाजपा ने निर्दलीय विधायकों के समर्थन के दम पर अपनी सरकार बचा ली।
निर्वाचन आयोग ने मौसम की खराबी और प्राकृतिक आपदाओं के कारण फिलहाल 46 विधान सभा सीट तथा वायनाड लोक सभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की है। हालांकि उसने कहा कि स्थिति में सुधार होते ही छह महीने की निर्धारित समयसीमा के भीतर उपचुनाव करा दिए जाएंगे। कुमार ने यह भी कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि ये चुनाव एक साथ कराए जाएं। उन्होंने कहा कि केरल के वायनाड में भूस्खलन की हालिया घटना के कारण तत्काल हालात ऐसे नहीं हैं कि वहां लोक सभा चुनाव कराए जाएं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, ‘कुल 47 सीट पर उपचुनाव होने हैं। इनमें विधान सभा की 46 सीट हैं।’ देश में जिन 46 विधान सभा सीट के लिए उपचुनाव होना है उनमें 10 सीट उत्तर प्रदेश से हैं। असम में पांच और बिहार में चार विधान सभा सीट पर उपचुनाव होने हैं।
जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने की घोषणा का सभी राजनीतिक दलों ने स्वागत किया और कहा कि लोग 6 साल से केंद्र शासित प्रदेश में लोकतंत्र बहाल होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने अथक प्रयासों से जम्मू-कश्मीर में शांति, विकास और लोकतंत्र को मजबूत करने का एक नया युग बनाया है। उन्होंने कहा, ‘विधान सभा चुनाव लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत करेंगे, क्षेत्र के लिए विकास के एक नए दौर के द्वार खोलेंगे।’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग बदलाव के लिए तरस रहे हैं और वे न्याय के लिए कांग्रेस और उसके सहयोगियों की ओर देख रहे हैं। उन्होंने चुनाव की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा, ‘कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लोगों तक पहुंचना चाहिए और राज्य में हमारी जीत सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।’ नैशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि देर आए दुरुस्त आए।