लोकसभा चुनाव से पहले पूरे देश में राजनीतिक हलचल काफी तेज हो गई है। नेताओं में पार्टियां बदलने की भी होड़ मची हुई है। इसी बीच उत्तर प्रदेश की अमरोहा लोकसभा सीट से सांसद दानिश अली ने आज कांग्रेस का दामन थाम लिया है। दानिश अली को कांग्रेस की सदस्यता दिलाने में कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश के प्रभारी अविनाश पांडे शामिल रहे, जिन्होंने पार्टी में उनका स्वागत किया।
दानिश के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें कई दिनों से लगाई जा रही थी। वह पिछले महीने राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में शामिल हुए थे। इसके पहले भी वह इसी साल की शुरुआत में 14 जनवरी को मणिपुर में राहुल गांधी की यात्रा में हिस्सा लिए थे।
दानिश अली हाल ही में 14 मार्च को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और कहा था कि उन्होंने उत्तर प्रदेश की अमरोहा सीट से लोकसभा में अपनी दूसरी पारी के लिए ‘सोनिया गांधी का आशीर्वाद प्राप्त किया।’
उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा था, ‘उनका दिल भारत के गरीबों के लिए धड़कता है। यह उनकी अध्यक्षता वाली NAC थी जिसने मनरेगा, RTI (सूचना का अधिकार), शिक्षा का अधिकार, खाद्य सुरक्षा विधेयक जैसे ऐतिहासिक गरीब-समर्थक और पारदर्शिता कानूनों का संचालन किया।
गौरतलब है कि INDIA गठबंधन में होने के नाते कांग्रेस और अखिलेश यादव की पार्टी सपा ने उत्तर प्रदेश में साझा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस बीच समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में उत्तर प्रदेश की जो 17 लोकसभा सीटें कांग्रेस के खाते में आई हैं, जिसमेंअमरोहा भी शामिल है। ऐसे में यह संभव है कि कांग्रेस के टिकट पर दानिश अली अमरोहा से ही चुनाव लड़ें।
बता दें कि दानिश अली बसपा के नेता थे और अमरोहा से सांसद भी हैं। लेकिन, पार्टी ने पिछले साल 9 दिसंबर को उन्हें सस्पेंड कर दिया था और उनपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना था कि दानिश अली की कांग्रेस से नजदीकियां बढ़ती जा रही थी, जो बसपा को नहीं भा रही थी।
बता दें कि पिछले साल भाजपा सांसद रमेश विधूड़ी ने चंद्रयान की चर्चा के दौरान दानिश अली को लेकर एक आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने विधूड़ी का जमकर विरोध किया। दानिश अली ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखकर विधूड़ी को निलंबित करने की मांग भी की थी। हालांकि, विधूड़ी तो निलंबित नहीं हुए लेकिन कुछ ही दिनों के भीतर दानिश अली अपनी ही पार्टी से बाहर कर दिए गए थे।