अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (AIADMK) ने तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सोमवार को अपना नाता तोड़ लिया। दिवंगत द्रविड़ नेता सीएन अन्नादुरई पर प्रदेश भाजपा प्रमुख अन्नामलाई द्वारा आलोचनात्मक टिप्पणी करने पर खफा पार्टी ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ लिया। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि गठबंधन पर फैसला अब चुनाव के दौरान होने की संभावना है।
हाल ही में अन्नामलाई ने दावा किया था कि अन्नदुरई ने साल 1956 में मदुरै में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हिंदु धर्म का अपमान किया था। इसके बाद अन्नादुरई की काफी आलोचना हुई और माफी मांगने के बाद ही वह दोबारा यात्रा कर सके। हालांकि, अन्नामलाई ने प्रदेश की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के खिलाफ भी टिप्पणी की थी मगर यह पहली बार है कि पार्टी ने इसका सख्त फैसला लिया है।
दिलचस्प है कि AIADMK की स्थापना एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) ने साल 1972 में की थी और अन्नादुरई को सम्मान देते हुए पार्टी में अन्ना नाम जोड़ा गया था।
AIADMK के नेता डी जयकुमार ने कहा, ‘जहां तक गठबंधन की बात नहीं भाजपा अब अन्नाद्रमुक के साथ नहीं है। इसका निर्णय चुनाव के दौरान ही होगा। अन्नामलाई भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के लायक नहीं है। वह सिर्फ खुद को चमकाने के लिए दिवंगत नेताओं के बारे में बुरा कहते हैं।’ अन्नादुरई पर अन्नामलाई की टिप्पणी ‘सनातन धर्म’ विवाद के बीच आई है, जिसे भाजपा एक राष्ट्रव्यापी मुद्दा बना रही है।
जयकुमार ने कहा, ‘अन्नामलाई अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन की इच्छा नहीं रखते हैं, हालांकि भाजपा कार्यकर्ता ऐसा चाहते हैं। क्या हमें अपने नेताओं की आलोचना बर्दाश्त करनी चाहिए। भाजपा यहां कदम नहीं रख सकती। आपको अपना वोट बैंक पता है। आप हमारी वजह से जाने जाते हैं।’