भारत में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर कम होकर पिछले साल की समान अवधि की तुलना में जनवरी में तीन महीने के निचले स्तर 0.27 प्रतिशत पर पहुंच गई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि खाद्य वस्तुओं व विनिर्मित सामान के उत्पादों के दाम में आई कमी के कारण ऐसा हुआ है।
इसके पहले दिसंबर 2023 में थोक महंगाई दर 0.73 प्रतिशत थी। यह लगातार तीसरा महीना है, जब थोक महंगाई दर धनात्मक बनी हुई है, जबकि वित्त वर्ष 2024 के ज्यादातर महीनों में अवस्फीति की स्थिति थी।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर जनवरी में 3 महीने के निचले स्तर 6.85 प्रतिशत रह रही, जो दिसंबर में 9.38 प्रतिशत थी।
इस दौरान धान (9.56 प्रतिशत), मोटे अनाज (4.07 प्रतिशत), दाल (16.06 प्रतिशत), सब्जियों (19.71 प्रतिशत), प्याज (29.18 प्रतिशत) फलों (1.01 प्रतिशत) और दूध (5.38 प्रतिशत) की महंगाई दर घटी है। बहरहाल गेहूं (-3.14 प्रतिशत), और प्रोटीन वाले सामान जैसे अंडे और मांस (-0.88 प्रतिशत) की कीमत में लगातार दूसरे महीने कमी आई है।
इसके अलावा आंकड़ों से पता चलता है कि विनिर्मित वस्तुओं की कीमत में अवस्फीति (-1.13 प्रतिशत) लगातार 11वें महीने जनवरी में भी जारी रही। इसमें विनिर्मित खाद्य वस्तुओं (-1.84 प्रतिशत), तेल व घी (-15.71 प्रतिशत), टेक्सटाइल (-2.26 प्रतिशत), कागज (-6.11 प्रतिशत), रसायन (-5.51 प्रतिशत), धातु (-4.47 प्रतिशत), रबर (-0.78 प्रतिशत) और स्टील (-6.08 प्रतिशत) में संकुचन जारी रहा।
वहीं ईंधन के मूल्य में संकुचन (-0.51 प्रतिशत) लगातार नवें महीने जारी रहा। इसमें हाई स्पीड डीजल (-5.29 प्रतिशत) ने अहम भूमिका निभाई। पेट्रोल और रसोई गैस की कीमत भी माह के दौरान थोड़ी कम हुई। इक्रा रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि दिसंबर में थोक मूल्य में कमी में मुख्य भूमिका खाद्य व प्रमुख उद्योग (विनिर्मित गैर खाद्य उत्पाद) की अहम भूमिका रही।
उन्होंने कहा, ‘अगर आगे की स्थिति देखें तो फरवरी 2024 के आंकड़े घरेलू खाद्य वस्तुओं के मामले में मिले जुले होंगे और जिंसों के वैश्विक दाम में नरमी रहेगी। कुल मिलाकर इक्रा का अनुमान है कि फरवरी 2024 में थोक महंगाई दर 0.3 प्रतिशत पर स्थिर होगी।’