इस वर्ष मार्च में केंद्र सरकार को महत्त्वपूर्ण खनिजों की पहली नीलामी के पहले चरण में 112 बोलियां मिली थीं। जब यह नीलामी नवंबर 2023 में शुरू हुई थी तो केंद्रीय खान मंत्रालय ने कहा था कि वेदांत, जिंदल पावर, श्री सीमेंट, डालमिया, ओला और सरकार नियंत्रित एनएलसी इंडिया ने 20 खदानों के लिए दिलचस्पी दिखाई है।
उस समय तत्कालीन खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि बड़ी भारतीय कंपनियों के साथ अंतरराष्ट्रीय खनन कंपनियों ने भी महत्त्वपूर्ण खनिज क्षेत्र में रुचि दिखाई है। मगर 24 जून को जब खान मंत्रालय ने नीलामी के नतीजे घोषित किए तो जिन कंपनियों को महत्त्वपूर्ण खनिजों के खनन का अनुबंध मिला उनमें केवल एक बड़ी कंपनी थी। संभावित बोलादाताओं की रुचि कम होने से 20 खदानों में 14 की नीलामी रद्द कर दी गई।
इस बारे में खनन क्षेत्र के एक विशेषज्ञ ने कहा, ‘बड़ी खनन कंपनियों ने नीलामी में हिस्सा जरूर लिया मगर इनमें केवल एक अनुबंध हासिल कर पाई। यह देश में इन खनिजों के खनन को लेकर खनन उद्योग में कहीं न कहीं संदेह का भाव होने का संकेत देता है।’
सोमवार को नतीजे जब आए तो पांच कंपनियों अग्रसेन स्पॉन्ज, कुंदन गोल्ड माइन्स, डालमिया भारत रीफ्रैक्ट्रीज, सागर स्टोन इंडस्ट्रीज और माइकी साउथ माइनिंग ने छह महत्त्वपूर्ण खनिज खदानों के लिए अनुबंध हासिल किए ।
जिन पांच कंपनियों की बोलियां सफल रही हैं उनमें डालमिया भारत रीफ्रैक्ट्रीज लिमिटेड (डीबीआरएल) एक बड़े समूह डालमिया समूह से जुड़ी है। अन्य कंपनियों का खास नाम तो नहीं है मगर खनन क्षेत्र में इनकी उपस्थिति है। डीबीआरएल एक मात्र बड़ी कंपनी है जिसे नीलामी में एक खदान हासिल किया है। डीबीआरएल को तमिलनाडु में इलुप्पाकुडी ग्रेफाइट ब्लॉक मिला है। डीबीआरएल की स्थापना 1939 में हुई थी।
अग्रसेन स्पॉन्ज प्राइवेट लिमिटेड अकेली ऐसी कंपनी है जिसे हाल में हुई नीलामी में दो खदानें मिलीं। ओडिशा की इस कंपनी की स्थापना 2003 में हुई थी। सागर गोल्ड माइन्स प्राइवेट लिमिटेड ओडिशा में ग्रेफाइट खनन में दिलचस्पी दिखाने वाली दूसरी कंपनी रही। यह कंपनी चार दशकों से भी अधिक पुराने कुंदन ग्रुप का हिस्सा है। कुंदन ग्रुप स्वर्ण मूल्यवान धातुओं, गोल्ड रिफाइनरी, सराफा आयात सहित कुछ अन्य खंडों में काम करती है।
एक दशक पहले अस्तित्व में आई जबलपुर स्थित सागर स्टोन इंडस्ट्रीज उत्तर प्रदेश में पहाड़ी कलां-गोरा कलां फॉस्फोराइट ब्लॉक हासिल करने में सफल रही है। 2012 में स्थापित यह आयरन ओर फाइन्स, आयरन ओर नैनो ब्लू डस्ट और विभिन्न प्रकार के आयरन ओर उत्पादों का विनिर्माण करती है।
माइकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड लीथियम खनन अनुबंध हासिल करने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है। कोलकाता स्थित यह कंपनी तीन वर्ष पहले 2021 में स्थापित हुई थी।