facebookmetapixel
घने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआत

उल्टा घूमा उद्योग का चक्का

Last Updated- December 08, 2022 | 9:01 AM IST

वैश्विक आर्थिक मंदी का असर देश के औद्योगिक विकास पर नजर आने लगा है। पिछले 15 सालों बाद यह पहला मौका है, जब देश की औद्योगिक विकास दर किसी महीने में नकारात्मक रही है।


इससे पहले औद्योगिक उत्पादन अप्रैल, 1993 में घटा था। वर्ष 2008 के अक्टूबर माह में औद्योगिक विकास दर 0.4 फीसदी नकारात्मक रही है।

सितंबर माह में औद्योगिक विकास दर 5.45 फीसदी थी, जबकि अक्टूबर 2007 में देश में 12.2 फीसदी की विकास दर दर्ज की गई थी।

अक्टूबर को समाप्त हुए पहले सात महीनों में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 4.1 फीसदी रहा, जबकि बीते वर्ष की इसी अवधि में यह 9.9 फीसदी था।

समीक्षाधीन अवधि में विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर 1.2 फीसदी नकारात्मक दर्ज की गई, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह 13.8 फीसदी थी।

अक्टूबर को समाप्त हुए प्रथम सात महीनों के दौरान विनिर्माण क्षेत्र ने 4.2 फीसदी की विकास दर हासिल की, जबकि बीते वर्ष की समान अवधि में यह 10.6 फीसदी थी।

उल्लेखनीय है कि सूचकांक में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान 80 फीसदी है। ऐसे में विकास दर की गिरावट का सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

खास बात यह कि इसी महीने की शुरुआत में सरकार ने विनिर्माण क्षेत्र को उबारने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों को छोड़कर शेष सभी खंड के लिए उत्पाद शुल्क में एकसमान 4 फीसदी की कटौती की घोषणा की थी। इससे विकास दर को कुछ रफ्तार मिलने की उम्मीद है।

इंटरमीडिएट गुड्स की विकास दर घटकर 3.7 फीसदी पर आ गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 13.9 फीसदी थी, वहीं कंज्यूमर गुड्स क्षेत्र की विकास दर पिछले साल की समान अवधि के 13.7 फीसदी के मुकाबले घटकर 2.3 फीसदी पर आ गई।

समीक्षाधीन अवधि में बिजली क्षेत्र की विकास दर थोड़ी बेहतर रही और इसने 4.4 फीसदी की विकास दर हासिल की, जबकि बीते वर्ष की इसी अवधि में इस क्षेत्र की विकास दर 4.2 फीसदी थी।

दूसरी ओर, खनन क्षेत्र की विकास दर घटकर 2.8 फीसदी पर आ गई, जबकि बीते वर्ष की समान अवधि में इस क्षेत्र ने 5.1 फीसदी की विकास दर हासिल की थी।

कुल 17 उद्योगों में से 10 उद्योगों की विकास दर नकारात्मक रही जिसका देश की आर्थिक विकास दर पर असर देखा जा सकता है।

अक्टूबर में विकास दर रही 0.4 फीसदी नकारात्मक

मांग में आई गिरावट की वजह से विकास दर पर पड़ा असर

कुल 17 में से 10 उद्योगों की विकास दर नकारात्मक दर्ज की गई


क्षेत्र                      अक्टूबर 2007                    अक्टूबर 2008
विनिर्माण                 13.8                                      -1.2
पूंजीगत वस्तु          20.9                                       3.1
खनन                         5.1                                        2.8
ऊर्जा                          4.4                                         4.2
उपभोक्ता वस्तु         13.7                                       2.3

सभी आंकड़े फीसदी में

First Published - December 13, 2008 | 12:03 AM IST

संबंधित पोस्ट