निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि रूस एवं यूक्रेन के बीच चल रही जंग से शेयर बाजार प्रभावित हुआ है और सरकार को उम्मीद है कि बाजार में उतार-चढ़ाव कम होने के बाद जल्द ही भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) आएगा। उद्योग जगत से बातचीत के दौरान पांडेय ने कहा कि एलआईसी के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) को प्रथम दृष्टया भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी मिल गई है और यह कुछ शर्तें पूरी करने पर निर्भर है।
मर्चेंट्स चैंबर आफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में पांडेय ने कहा, ‘बाजार की स्थिति पर नजर बनाए रखना बेहतर है और उम्मीद है कि जल्द ही हम आईपीओ लाने में सफल होंगे।’ पांडेय ने कहा कि यूरोप में टकराव जैसी कुछ बाहरी वजहें हैं, जो बाजार पर असर डाल रही हैं और सरकार उन पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि चीजें सुधरेंगी। तेल के दाम संभवत: कम होंगे। हमें उम्मीद है कि बाजार में उतार चढ़ाव भी जल्द ही कम होगा।’
पांडेय ने कहा कि भारत का सबसे बड़ा आईपीओ लाने के पहले पूंजी बाजारों में कई तरह की मजबूती आई है। अब भारत में 8.4 करोड़ डीमेट खाते हैं और एलआईसी आईपीओ के पहले ही 1 करोड़ डीमेट खाते खोले गए हैं। पांडेय ने कहा कि पूंजी बाजार का बुनियादी ढांचा ज्यादा लेन-देन में सक्षम बनाया गया है, बड़ी मात्रा में यूपीआई लेनदेन के लिए बैंक क्लियरिंग प्रक्रियाओं को सरल किया गया है।
संपत्ति मुद्रीकरण
पांडेय ने कहा कि चल रहे वित्त वर्ष में सरकार का संपत्ति मुद्रीकरण लक्ष्य 80,000 करोड़ रुपये को पार करेगा। इसमें बड़ी प्राप्तियां, करीब 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खनन क्षेत्र से आएंगी। खनन डेवलपर और ऑपरेटर (एमडीओ) मॉडल पर बहुत काम किया गया है। सड़क क्षेत्र की करीब 17,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों का मुद्रीकरण हो चुका है। वहीं पावरग्रिड कॉर्पोरेशन से 7,500 करोड़ रुपये मिले हैं।
निजीकरण
पांडेय ने कहा कि एयर इंडिया और नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) को बेचने के बाद निजीकरण की प्रक्रिया का बेहतरीन तरीके से परीक्षण हो चुका है। एनआईएल के खरीदार टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स के साथ केंद्र ने शेयर खरीद समझौता भी किया है।
उन्होंने कहा कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसीएल) बीईएमएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन आफ इंडिया, पवन हंस, प्रोजेक्ट्स ऐंंड डेवलपमेंट इंडिया, सेल की इकाइयों संबंधी कुछ लेनदेन अग्रिम अवस्था में है।
