facebookmetapixel
Share Market: जीएसटी राहत और चीन से गर्मजोशी ने बढ़ाई निवेशकों की उम्मीदेंWeather Update: बिहार-यूपी में बाढ़ का कहर जारी, दिल्ली को मिली थोड़ी राहत; जानें कैसा रहेगा आज मौसमपांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्सStock Split: 1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! इस स्मॉलकैप कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट जल्दसीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदाAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोन

व्यापार घाटा बारह माह में सबसे कम

Last Updated- February 15, 2023 | 11:21 PM IST
Shock on economic front, country's trade deficit reaches record high of $37.8 billion in November आर्थिक मोर्चे पर लगा झटका, नवंबर में देश का व्यापार घाटा 37.8 अरब डॉलर के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा

देश का व्यापार घाटा जनवरी में 17.75 अरब डॉलर रहा, जो पिछले 12 महीने का सबसे कम आंकड़ा है। विदेश में कमजोर मांग और सोने के आयात में तेज गिरावट के कारण जनवरी में निर्यात और आयात लगातार दूसरे महीने कम हो गए।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से जारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में वस्तुओं का निर्यात साल भर पहले के मुकाबले 6.5 फीसदी घटकर 32.91 अरब डॉलर रह गया। इसकी वजह प्रमुख विकसित देशों में मौद्रिक नीति की सख्ती और महंगाई में उछाल के कारण मांग घटना रही। दिसंबर, 2022 के मुकाबले निर्यात में 4.5 फीसदी गिरावट आई।

आयात में भी कमी देखी गई और जनवरी, 2022 के मुकाबले 3.6 फीसदी घटकर यह 50.66 अरब डॉलर रहा। दिसंबर, 2022 के मुकाबले तो इसमें 13 फीसदी गिरावट आई। इसके कई कारण रहे जैसे गैर जरूरी आयात पर सरकार की नकेल, कमजोर देसी मांग और जिंस की कीमतों में कमी। चालू खाते के घाटे को बढ़ाने वाला स्वर्ण आयात इस महीने 70.7 फीसदी घटकर केवल 69.7 करोड़ डॉलर पर सिमट गया। विदेशी मांग पर मंडराते जोखिम के बीच सरकार चालू खाते के घाटे में इजाफे से चिंतित है, इसलिए सोने जैसी गैर-जरूरी वस्तुओं का आयात कम किया जा रहा है।

बहरहाव वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने कहा कि आयात में गिरावट अच्छा संकेत है और इससे पता चलता है कि सरकार का मेक इन इंडिया कार्यक्रम कामयाब हो रहा है।

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जनवरी के बीच निर्यात 8.5 फीसदी बढ़कर 369.25 अरब डॉलर रहा। इसी दौरान आयात 21 फीसदी चढ़कर 602.2 अरब डॉलर रहा। बड़थ्वाल ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार को वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल स्थितियों के बाद भी वृद्धि की रफ्तार बने रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘इस वित्त वर्ष में निर्यात में कुल वृद्धि (वस्तु और सेवा निर्यात) करीब 17.33 फीसदी रही। इसमें सबसे अधिक योगदान सेवा का रहा, जिसकी निर्यात वृद्धि दर 30 फीसदी के आसपास बनी हुई है।’

इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि दिसंबर के मुकाबले तेल आयात पर कम खर्च होने के कारण चालू खाते का घाटा नीचे आया है। उन्होंने कहा, ‘इससे मार्च तिमाही में चालू खाते का घाटा कम करने में मदद मिलेगी। दूसरी तिमाही में यह घाटा चरम पर था और तीसरी तथा चौथी तिमाही में इसमें नरमी आएगी।’ जनवरी में 30 में से 19 क्षेत्रों में वस्तु निर्यात साल भर पहले के मुकाबले कम हो गया। रत्नाभूषण निर्यात में 19.28 फीसदी कमी आई, इंजीनियरिंग वस्तुओं में 9.8 फीसदी, रसायन में 4.57 फीसदी, रेडीमेड परिधान में 3.48 फीसदी और दवा तथा फार्मा निर्यात में 2.62 फीसदी कमी आई।

First Published - February 15, 2023 | 11:06 PM IST

संबंधित पोस्ट