facebookmetapixel
सिर्फ एक फंड से टाटा-बिड़ला से लेकर अंबानी-अदाणी तक के शेयरों में करें निवेश, जानें कैसे काम करते हैं कांग्लोमरेट फंडPM मोदी ने असम में ₹18,530 करोड़ की परियोजनाओं को दी मंजूरी, बायोएथेनॉल, पॉलीप्रोपाइलीन प्लांट का किया शुभारंभTata Capital ला रहा ₹17,000 करोड़ का बड़ा IPO, IFC की हिस्सेदारी बेचकर कमाएगा 13 गुना मुनाफाशेयर बाजार में मचेगी धूम! अगले दो-तीन हफ्तों में एक दर्जन से ज्यादा कंपनियां लाएंगी IPO, जुटाएंगी ₹10,000 करोड़इंश्योरेंस सेक्टर में 100% FDI का रास्ता साफ? संसद के शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है विधेयकपीएम मोदी ने असम को दी ₹6,300 करोड़ की स्वास्थ्य और इन्फ्रा परियोजनाओं की सौगातUP: कन्नौज का आनंद भवन पैलेस बना उत्तर प्रदेश का पहला लग्जरी हेरिटेज होमस्टेMCap: बाजाज फाइनेंस की मार्केट कैप में सबसे ज्यादा बढ़त, 8 कंपनियों का कुल मूल्य ₹1.69 ट्रिलियन बढ़ाMarket Outlook: इस सप्ताह US Fed की नीति और WPI डेटा पर रहेगी नजर, बाजार में दिख सकती है हलचलPower of ₹10,000 SIP: बाजार के पीक पर जिसने शुरू किया, वही बना ज्यादा अमीर!

जगमगाते होटलों पर भी लगा ग्रहण

Last Updated- December 08, 2022 | 12:48 AM IST

विश्वव्यापी मंदी ने चकाचौंध होटल उद्योग की भी बत्तियां गुल कर दी है। जगमगाने वाले होटल अब टिमटिमाने लगे हैं।


उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रमुख होटलों में यात्रियों की संख्या में 20-30 फीसदी की गिरावट आ चुकी हैं तो मध्य प्रदेश, दिल्ली एवं चंडीगढ़ के होटल भी आने वाले समय में इस प्रकार की गिरावट का एहसास करने लगे हैं। आलम यह है कि होटल प्रबंधक यात्रियों को आकर्षित करने के लिए आगामी अप्रैल में कोई किराया नहीं बढ़ाने जा रहे हैं। दूसरी तरफ उत्तर भारत के रेस्टोरेंट के कारोबार में पिछले एक महीने के दौरान 25 फीसदी की कमी दर्ज की गयी है।

 उत्तराखंड

इस प्रांत में होटल यात्रियों की संख्या में 20-30 फीसदी की गिरावट आयी है। उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष एस.पी. कोचर के मुताबिक, सबसे अधिक झटका नैनीताल एवं मसूरी के होटल को लगा है। मसूरी में यह गिरावट 20-25 फीसदी की है तो नैनीताल में 30 फीसदी तक। हालांकि राज्य पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक ए.के. सिंह ने मंदी के प्रभाव पर टिप्पणी से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध होने पर ही वे कुछ कह सकते हैं। 

उत्तर प्रदेश

ताजमहल के इस शहर में मध्यम दर्जे के होटल की कमर टूट गयी है। पर्यटन का मौसम होने के बावजूद यहां होटल के 80 फीसदी कमरे खाली हैं।

शरद पूर्णिमा से लेकर फरवरी तक यहां पर्यटकों की धूम रहती है, लेकिन इस बार पर्यटक बुकिंग रद्द करा रहे हैं। आगरा होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा कहते हैं, ‘विश्वव्यापी मंदी की मार आगरा के पर्यटन उद्योग पर निश्चित रूप से पड़ेगी और इसके लक्षण अभी से दिखलायी देने लगे हैं।’

हरियाणा

चंडीगढ़ होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन सिंह के मुताबिक देश के सभी भागों में इन दिनों पर्यटन उद्योग में गिरावट है लेकिन चंडीगढ़ में फिलहाल यात्रियों की संख्या अन्य जगहों के मुकाबले संतोषजनक है। हालांकि मोहाली के होटल के कारोबार में पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी तक की कमी आ चुकी है। पिछले साल मोहाली में यात्रियों की आगमन दर 75 फीसदी थी, जो इस साल काफी ज्यादा घटकर 55 फीसदी रह गयी है। 

मध्य प्रदेश

खुजराहो, पचमढ़ी एवं ओरछा जैसी दर्शनीय जगहों के इस प्रदेश में फिलहाल होटल उद्योग यथावत काम कर रहा है। खुजराहो होटल एवं लॉज एसोसिएशन के सचिव अनुपम गुप्ता ने बताया कि यात्रियों की आगमन दर 80-90 फीसदी पर कायम है। हालांकि पंचमढ़ी के होटल व्यवसायी इस साल पर्यटकों की संख्या को लेकर काफी उत्साहित नहीं है। स्थानीय होटल मालिक सुनील नामदेव के मुताबिक इस साल यात्रियों की संख्या 20 फीसदी कम है।

दिल्ली

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ नार्दर्न इंडिया के अध्यक्ष विजय पंडित कहते हैं, ‘दिल्ली के होटल फिलहाल मंदी की चपेट में नहीं है। यहां बुकिंग पहले की तरह ही हो रही है। लेकिन इतना जरूर है कि अगले महीने तक इस बुकिंग में 25 फीसदी तक की कमी आ जाएगी। ‘

उन्होंने यह भी बताया कि ईद, दशहरा एवं अब दीपावली जैसे त्योहारी मौसम के बावजूद रेस्टोरेंट के कारोबार में 25 फीसदी तक की कमी आयी है और अभी इसमें 15 फीसदी तक की और गिरावट का अनुमान है। फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रबंधक सदस्य एस.पी. जोशी के मुताबिक दिल्ली के लगभग सभी पंचतारा होटल भरे हुए हैं। इन होटल पर मंदी का कोई असर नहीं है।

First Published - October 20, 2008 | 10:50 PM IST

संबंधित पोस्ट