facebookmetapixel
घने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआत

बुनियादी ढांचा मजबूत बनाएंगे

Last Updated- December 09, 2022 | 4:55 PM IST

योजना आयोग के अध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने आज यहां कहा कि सरकार आर्थिक वृध्दि दर में गिरावट थामने के लिए बुनियादी क्षेत्र की परियोजनाओं में निवेश बढ़ाने के उपायों पर जोर देगी।


योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि सरकार इस बात पर विशेष ध्यान देगी कि ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए 75, 000 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराने के लिए इंडियन इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) को दी गई ऋण सुविधा का पूरा-पूरा इस्तेमाल हो।

मोंटेक ने आईआईएफसीएल के अध्यक्ष एस एस कोहली के साथ एक बैठक के बाद कहा,’ मैं आईआईएफसीएल की पुनर्वित्त व्यवस्था पर विशेष रूप से ध्यान दे रहा हूं। हमें इसे लागू करना चाहिए और इसका ब्यौरा फौरन ही जारी किया जाना चाहिए।’

उल्लेखनीय है कि हाल में घोषित आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज में आईआईएफसीएल को बाजार में कर मुक्त बांडों की बिक्री के जरिए 30, 000 करोड़ रुपए जुटाने की छूट देने की घोषणा है। इस पूंजी के जरिए कंपनी ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं को 75,000 करोड़ रुपए की पूंजी सहायता सुलभ करा सकेगी।

अहलूवालिया ने कहा, ‘अगले 18 महीनों में 75,000 करोड़ रूपए की परियोजनाओं को प्रतिस्पर्धी दर पर पूंजी सुलभ कराने के लिए आईआईएफसीएल को किस्तों में बाजार से 30,000 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाने की छूट दी हुई है।’

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार मौद्रिक सुधार की दिशा में कुछ और कदम उठा सकती है तो योजना आयोग के उपाध्यक्ष का कहना था कि , ‘इस समय इस मामले में इंतजार करने और चीजों पर निगाह रखने की जरूरत है।

हम मौद्रिक पक्ष की बजाय इस समय आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के विभिन्न घटकों के अमल पर ध्यान दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले साल सात दिसंबर को पहले पैकेज की घोषणा के एक माह के अंदर ही तीन दिन पहले यानी 2 जनवरी को दूसरे आर्थिक पैकेज की घोषणा की।

पहले पैकेज में उद्योगों को उत्पाद शुल्क में 4 प्रतिशत की राहत देने के अलावा केंद्रीय महत्व की परियोजनाओं पर सरकारी निवेश में 20, 000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश करने की घोषणा की गई थी।

First Published - January 5, 2009 | 9:27 PM IST

संबंधित पोस्ट