क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जारी बहस के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आभासी मुद्रा सहित प्रौद्योगिकी को विनियमित करने के लिए वैश्विक प्रयास की जरूरत पर जोर दिया। इनफिनिटी फोरम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सीतारमण ने कहा, ‘ऐसे में जब हम राष्ट्रीय स्तर पर इस बारे में सोच रहे हैं, एक वैश्विक तंत्र होना चाहिए जिसके माध्यम से हम प्रौद्योगिकी में लगातार होने वाले बदलाव की निगरानी कर सकें।
प्रौद्योगिकी का मतलब क्रिप्टोकरेंसी या तकनीक-संचालित भुगतान प्रणाली या आंकड़े की गोपनीयता हो सकता है या यह सुनिश्चित करना भी हो सकता है कि आंकड़ों का सही तरह से इस्तेमाल किया जाए। इसके विनियमन के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा।’
सरकार ने संसद के मौजूदा सत्र में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने के लिए विधेयक लाने की तैयारी की है। इसके बाद से इस पर तमाम बहस शुरू हो गई है कि डिजिटल मुद्रा को विनियमित किया जाना चाहिए न कि उस पर पाबंदी लगाई जानी चाहिए। सीतारमण ने कहा कि कोई भी देश प्रौद्योगिकी को विनियमित करने का एक-सूत्री फॉर्मूला तैयार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, ‘प्रौद्योगिकी की कोई भौतिक सीमा नहीं होती है और वह सीमाओं को पार करने की ताकत रखती है। इसका मतलब है कि प्रभावी तरीके से विनियमन के लिए वैश्विक कार्रवाई ही एकमात्र तरीका है।’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘फि लहाल कार्यकारी और विधायी दोनों नियमन की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी में हरेक बदलाव पर नजर रखने के लिए नियामकीय प्रारूप विधायी समर्थन के बिना निरंतर विकास करने वाला होना चाहिए।
इसी सम्मेलन में इंडोनेशिया की वित्त मंत्री मुलयानी इंद्रावती ने कहा कि डिजिटल तकनीकी कंपनियों पर कराधान को लेकर हालिया वैश्विक करार इस तरह की प्रौद्योगिकियों के विनियमन का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में सभी देशों को साथ मिलकर काम करना महत्त्वपूर्ण होगा।
वित्त प्रौद्योगिकी पहल बने क्रांति : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश के हर नागरिक के लिए वित्तीय सशक्तीकरण सुनिश्चित करने की खातिर वित्त प्रौद्योगिकी पहल को वित्त प्रौद्योगिकी क्रांति में बदलने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने इनफिनिटी मंच का उद्घाटन करते हुए कहा कि वित्त प्रौद्योगिकी (फिनटेक) उद्योग का स्तर व्यापक हो गया है और इसने जनता के बीच स्वीकार्यता पाई है। उन्होंने कहा कि अब फिनटेक पहल को वित्त प्रौद्योगिकी क्रांति में बदलने का समय आ गया है। वह क्रांति जो देश के हर एक नागरिक के वित्तीय सशक्तीकरण में मदद करेगी। मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी वित्त में एक बड़ा बदलाव ला रही है।