स्टैंड-अप इंडिया योजना के अंतर्गत इसकी शुरुआत के बाद से छह साल में 1,33,995 खातों में 30,610 करोड़ रुपये से ज्यादा की मंजूरी दी जा चुकी है।
आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्टैंड-अप इंडिया योजना अप्रैल 2016 में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और महिला उद्यमियों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। 21 मार्च, 2022 तक करीब 1,33,995 खातों को इस योजना के अंतर्गत अग्रिम राशि प्राप्त हो चुकी है, जिनमें से 19,310 अनुसूचित जाति, 6,435 अनुसूचित जनजाति और 1,08,250 महिलाओं के थे।
योजना के तहत 18 साल से अधिक उम्र वाले एससी/एसटी और महिला उद्यमियों द्वारा ऋण हासिल किया जा सकता है और यह केवल ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के लिए ही उपलब्ध है। गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के मामले में शेयरधारिता और नियंत्रण हिस्सेदारी का 51 प्रतिशत भाग एससी/एसटी या महिला उद्यमियों के पास होना चाहिए। किसी उधारकर्ता द्वारा लगाई जाने वाला मार्जिन राशि परियोजना लागत की 15 प्रतिशत तक होती है और आवेदक को परियोजना लागत का कम से कम 10 प्रतिशत स्वयं योगदान करना होता है।
