खुदरा एवं मनोरंजन स्थलों पर आने वाले लोगों की संख्या लगभग सात महीनों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है, जो स्थिति कोरोना की पहली लहर के चरम के समय थी।
ये आंकड़े सर्च इंजन गूगल के मोबिलिटी ट्रैकर पर आधारित हैं। यह समाचार पत्र विभिन्न स्थानों से डेटा संग्रह करके विश्लेेषण करता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि लोग महामारी के दौरान किस तरह आवाजाही कर रहे हैं। ये नवीनतम आंकड़े 21 अप्रैल तक के हैं। यह दर्शाता है कि महामारी से पूर्व की तुलना में खुदरा और मनोरंजन स्थलों पर जाने वाले लोगों की संख्या में 41.6 प्रतिशत की कमी आई है। ट्रांजिट स्टेशनों और कार्यस्थलों में भी आवाजाही में गिरावट देखी गई है।
तथ्य यह है कि लोग बहुत कम बाहर जा रहे हैं इसकी भी पुष्टि ट्रैफिक भीड़ डेटा द्वारा की जाती हैं। नई दिल्ली का यातायात 71 फीसदी गिरा है क्योंकि राजधानी संक्रमण की नई लहर से जूझ रही है। वित्तीय राजधानी कही जाने वाली मुंबई ने ग्लोबल लोकेशन टेक्नोलॉजी फर्म टमटम इंटरनैशनल द्वारा जारी यातायात आंकड़ों में 83 फीसदी की गिरावट देखी गई है। जनवरी में यह गिरावट 25 फीसदी से कम थी। नाइट्रोजनडाइऑक्साइड का उत्सर्जन साल 2019 की तुलना में दिल्ली और मुंबई दोनों में आधा हो गया है। नाइट्रोजनडाइऑक्साइड वाहनों और औद्योगिक गतिविधियों से आती हैं। दोनों जगहों का पिछले सप्ताह का उत्सर्जन साल 2019 की तुलना में कम हुआ है। बांद्रा इलाके के आंकड़ों के आधार पर मुंबई में हुई कमी, दिल्ली में हुई कमी की तुलना में थोड़ी अधिक रही है।
मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान औद्योगिक गतिविधि कम होने के कारण बिजली उत्पादन कम हो गया था। लॉकडाउन इस बार अधिक स्थानीय हो गए हैं। नवीनतम सप्ताह की बिजली उत्पादन में वृद्धि, पिछले सप्ताह की वृद्धि के बराबर है। यह साल 2019 की समान अवधि की वृद्धि की तुलना में लगभग 8.2 प्रतिशत अधिक है।
भारतीय रेलवे ने पिछले साल इस दौरान गतिविधि में भारी गिरावट देखी थी। साल 2020 का आधार प्रभाव, चालू वर्ष में इसकी वृद्धि का कारण बना है। साल 2020 के लॉकडाउन के इन दिनों की तुलना के प्रभाव के कारण माल और राजस्व दोनों की मात्रा में वृद्धि हुई है।