facebookmetapixel
Earthquake Today: अंडमान में धरती डोली! 5.4 तीव्रता के झटकों से दहशतFPIs ने फिर खोला बिकवाली का सिलसिला, नवंबर में निकाले ₹12,569 करोड़Market Outlook: इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे महंगाई डेटा और तिमाही नतीजेMCap: टॉप-10 कंपनियों की मार्केट कैप में भारी गिरावट, Airtel-TCS सबसे ज्यादा प्रभावितथाईलैंड जाने वाले सावधान! शराब पीना अब महंगा, नियम तोड़ा तो लगेगा 27,000 रुपये तक का जुर्मानाDelhi AQI Today: दिल्ली में जहरीली धुंध! AQI 400 पार, सांस लेना हुआ मुश्किल; GRAP 3 हो सकता है लागू!डिजिटल गोल्ड के झांसे से बचें! सेबी ने बताया, क्यों खतरे में है आपका पैसाकेंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाहीपूर्वोत्तर की शिक्षा में ₹21 हजार करोड़ का निवेश, असम को मिली कनकलता बरुआ यूनिवर्सिटी की सौगात

टमाटर की वजह से 24 फीसदी बढ़ गए वेज थाली के दाम, नॉन-वेज की कीमत भी कम नहीं: रोटी राइस रेट रिपोर्ट

CRISIL ने बताया कि नॉन- वेज थाली के दाम में भी सालाना आधार पर 13 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है

Last Updated- September 07, 2023 | 5:41 PM IST
Restaurants watch tomato price hike closely, yet to increase prices

बीते दिनों भारत में टमाटर की कीमत आसमान छू रही थी। कीमत 200 रुपये के करीब पहुंच गई थी। McDonald’s जैसे बड़े आउटलेट ने बर्गर के साथ टमाटर देना ही बंद कर दिया था। इस बीच गुरुवार को रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने भारत में थाली के दाम को लेकर एक मासिक रिपोर्ट तैयार की है जिसका नाम है रोटी राइस रेट रिपोर्ट (Roti Rice Rate report)। ये रिपोर्ट बताती है कि अगस्त 2022 और अगस्त 2023 यानी एक साल के भीतर औसत भारतीय घरों में शाकाहारी थाली की कीमत 24 फीसदी बढ़ गई।

बता दें कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान ऐसा दूसरी बार देखने को मिल रहा है कि भारत में वेज थाली का दाम बढ़ा हो।

एक साल में 176 फीसदी बढ़ा टमाटर का दाम

दिलचस्प बात यह है कि ये जो एक थाली की कीमत में 24 फीसदी का इजाफा आया है इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी टमाटर की है। टमाटर की वजह से ही थाली के दाम में 21 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सालाना आधार पर यानी एक साल के दौरान का आंकड़ा देखें तो टमाटर के दाम में 176 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल टमाटर का दाम 37 रुपये प्रति किलोग्राम था जो इस साल बढ़कर 102 रुपये पहुंच गया।

क्या-क्या होता है वेज थाली में?

एक वेज थाली में साधारण तौर पर कुछ रोटियां, सब्जियां (प्याज, टमाटर और आलू), चावल, दाल, दही और सलाद होती है। इसकी औसत लागत उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रोडक्शन में लगने वाली औसत कीमतों के आधार पर तय की जाती है।

थाली में जुड़ी दूसरी सब्जियों के भी बढ़े दाम

इस एक साल के दौरान सब्जी की कीमतों में भी काफी इजाफा देखने को मिला है। प्याज की कीमत 8 प्रतिशत, मिर्च की कीमत 20 फीसदी और जीरा की कीमत 158 फीसदी बढ़ गई। क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर इन तीनों (प्याज, मिर्च और जीरा) को मिला दिया जाए तो एक शाकाहारी थाली की कुल कीमत में 1 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

क्या रहा नॉन-वेज थाली की कीमत का हाल?

नॉन- वेज थाली के दाम में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस थाली में हालांकि उतनी तेजी से कीमत नहीं बढ़ी, जितनी कि वेज थाली की कीमत में बढ़ोतरी हुई। नॉन-वेज थाली की कीमत में सालाना आधार पर 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इस थाली की कीमत को आंकने के लिए भी उन्हीं प्रोडक्ट्स को शामिल किया गया जो वेज थाली में किया गया। फर्क बस इतना था कि इसमें दाल की जगह चिकन को रखा गया।

क्या रही नॉन-वेज थाली की कीमत में बढ़ोतरी की मुख्य वजह?

नॉन-वेज थाली की कीमत में कम उछाल का कारण ब्रॉयलर चिकन की कीमतों में साल-दर-साल 1-3 फीसदी की मध्यम वृद्धि को माना जा सकता है। अकेले ब्रॉयलर की कीमत नॉन-वेज थाली की लागत का 50 प्रतिशत से ज्यादा है।

हालांकि, वनस्पति तेल (vegetable oil) की कीमत में 17 प्रतिशत की गिरावट और आलू की कीमत में 14 प्रतिशत की गिरावट से कुछ राहत मिली।

मासिक आधार पर गिर रहा थाली की दाम

अगर कीमत के अधिकतम रेट से तुलना करें तो दोनों थालियों की कीमत में मासिक आधार पर मामूली गिरावट आई है। जुलाई में वेज थाली की कीमत 28 फीसदी और नॉन-वेज थाली की कीमत 11 फीसदी बढ़ी थीं। अगस्त में वेज थाली की कीमत जुलाई के मुकाबले 0.6 फीसदी कम है और नॉन-वेज थाली की कीमत 0.4 फीसदी कम है।

क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सितंबर में दोनों तरह की थालियों के दाम में गिरावट देखने को मिल रही है और इसकी वजह यह है कि टमाटर की कीमत कम हो रही है।

फुटकर भाव में टमाटर की कीमत अगस्त के मुकाबले सितंबर में करीब आधी होकर 51 रुपये प्रति किलो हो गई।

LPG सिलेंडर की कीमत में गिरावट से भी पड़ा कीमत में फर्क

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इसके अलावा, 14.2 किलोग्राम LPG सिलेंडर की कीमत, जो अगस्त में 1,103 रुपये थी, सितंबर से घटाकर 903 रुपये प्रति सिलेंडर कर दी गई है। यह भी उपभोक्ताओं के लिए राहत के रूप में आएगा।’

First Published - September 7, 2023 | 4:15 PM IST

संबंधित पोस्ट