प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने बुधवार को सेमीकंडक्टर (Semiconductor) के क्षेत्र में भारत की क्षमता का हवाला देते हुए निवेशकों से आह्वान किया कि यह देश में आने का सही वक्त है, क्योंकि देश ने इस दशक के अंत तक इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र को बढ़ाकर 500 अरब डॉलर का करने का लक्ष्य रखा है।
ग्रेटर नोएडा में आयोजित कार्यक्रम सेमीकॉन इंडिया के दौरान उन्होंने कहा, ‘जब हालात ठीक न हों तो आप भारत पर दांव लगा सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह भारत में मौजूद होने का सही समय है। आप सही समय पर सही जगह मौजूद हैं।’
उन्होंने कहा, ‘आज भारत का इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र 150 अरब डॉलर से अधिक का है और हमारा लक्ष्य इससे बड़ा है। इस दशक के अंत तक हम अपने इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र को 500 अरब डॉलर से अधिक पर पहुंचाना चाहते हैं। इससे युवाओं के लिए 60 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन हो सकता है।’
मोदी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य ऐसा वातावरण तैयार करना है, जहां सेमीकंडक्टर चिप के साथ तैयार सामान भी देश के भीतर बनें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व के सेमीकंडक्टर डिजाइन में भारत की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है और इसकी हिस्सेदारी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा, ‘हम सेमीकंडक्टर क्षेत्र में 85,000 कामगारों का कार्यबल तैयार कर रहे हैं। भारत इस पर ध्यान दे रहा है कि उसके विद्यार्थी, उसका कार्यबल उद्योग के मुताबिक तैयार हो सके।’
सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एक सुधारवादी सरकार, बढ़ता विनिर्माण आधार और प्रौद्योगिकी का रुख करने वाले आकांक्षी बाजार देश में चिप विनिर्माण के लिए ‘थ्री-डी पावर’ प्रदान करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके अलावा 1 लाख करोड़ रुपये के अनुसंधान एवं विकास कोष तथा निवेश आकर्षित करने और आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने के लिए चौतरफा पहल जैसी पहलों से भी इसमें मदद मिली है।
मोदी ने कहा, ‘भारत के लिए चिप्स लोगों की आकांक्षा पूरा करने का एक तरीका है। इस चिप पर हमने दुनिया का सबसे बेहतर डिजिटल पब्लिक इन्फ्रा तैयार किया है। यह हमें अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने में मदद कर रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘हमने सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ाने के लिए तमाम कदम उठाए हैं, जिसमें केंद्र से 50 प्रतिशत समर्थन और राज्यों से अतिरिक्त मदद शामिल है। भारत की नीतियों के कारण 1.5 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को पहले ही भारत में मंजूरी मिल चुकी है और कई कतार में हैं।’
मोदी ने कहा कि भारत इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण का पूरा काम देश में ही किए जाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिससे आपूर्ति श्रृंखला मजबूत हो सके।
बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनियों के अधिकारियों ने उद्घाटन भाषण के दौरान कुछ घोषणाएं भी कीं। एनएक्सपी ने दो साल में शोध एवं विकास (आरऐंडडी) पर 1 अरब डॉलर निवेश की घोषणा की। रेनेसास ने भी अगले साल तक कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर दोगुना करने की घोषणा की है।