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मंदी से सूखा पंचनद प्रदेश

Last Updated- December 08, 2022 | 5:08 AM IST

वैश्विक वित्तीय संकट से पंजाब का कपड़ा उद्योग भी तार-तार हो रहा है। मंदी की वजह से घरेलू बाजार के साथ-साथ विदेशों में भी मांग घट गई है।


इसकी वजह से उद्योगों को नए ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं। नाहर इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ओसवाल बताते हैं कि कारोबार में करीब 25 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।

उन्होंने बताया कि कंपनी का सालाना कारोबार करीब 2000 करोड़ रुपये का है, जिसमें 500 करोड़ रुपये का निर्यात किया जाता है।

लेकिन अब विदेशों से मांग काफी घट गई है। अमेरिकी बाजार में आई मंदी की वजह से कपड़ा उद्योग पर भारी मार पड़ी है। इसकी वजह से कंपनी अपने उत्पादन में कटौती कर रही है।

कंपनी का कहना है कि उसने नई भर्तियों पर रोक लगा दी है। यही नहीं, कंपनी का कहना है कि अगर स्थिति में जल्द ही सुधार नहीं आया, तो मजबूरी में कर्मचारियों की छंटनी करनी होगी।

लुधियाना स्थित सुप्रीम यॉर्न लिमिटेड के उपाध्यक्ष राजीव भांबरी का कहना है कि मांग में कमी आने की वजह से कंपनी अपने उत्पादन में करीब 30 फीसदी की कटौती कर चुकी है। नॉर्दर्न इंडिया टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील जैन का कहना है कि मांग में कमी, कच्चे माल की कीमतों में इजाफा से काफी घाटा हो रहा है।

टेक्सटाइल कंपनियों के मालिकों का कहना है कि पंजाब से सालाना 1000 से 1200 करोड़ रुपये का निर्यात किया जाता था, लेकिन इस बार मांग कम होने से निर्यात 800 करोड़ रुपये तक सीमित रहने का अंदेशा है।

लुधियाना निट्र्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत लाकड़ा का कहना है कि कच्चे माल की कीमतों में उछाल और बाजार में उतार-चढ़ाव की वजह से कुछ निर्यात ऑर्डर फिलहाल टाल दिए गए हैं, नए ऑर्डर नहीं मिलने की वजह से लुधियाना के यॉर्न मिलें अपनी क्षमता से 40 फीसदी कम उत्पादन कर रही हैं।

लुधियाना के गारमेंट कारोबारी भी मांग को देखते हुए अपने उत्पाद और कारोबारी ढांचे में बदलाव की योजना बना रहे हैं। सुफिशियल नाइट वेयर के प्रबंध निदेशक अजीत का कहना है कि कंपनी की योजना उत्पादन लक्ष्य 5000 गारमेंट रोजाना से बढ़ाकर 7500 करने की थी।

लेकिन मांग और बाजार की स्थिति को देखते हुए कंपनी ने फिलहाल उत्पादन में बढ़ोतरी की योजना को टाल दिया है। आरती इंटरनेशनल ने भी अपनी विस्तार योजना को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

परेशान पंजाब

मंदी से नहीं मिल रहे नए निर्यात ऑर्डर, कंपनियों ने घटाया उत्पादन

कारोबार में करीब 35 फीसदी की गिरावट

कंपनियों ने विस्तार योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाला

नई भर्तियों पर रोक, छंटनी की भी आ सकती है नौबत

First Published - November 25, 2008 | 11:45 PM IST

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