गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर की सामाजिक सुरक्षा के लिए केंद्र को राज्य सरकारों के साथ मिलकर एक केंद्रीकृत समन्वय प्राधिकरण का गठन करना चाहिए। यह राय एक अध्ययन रिपोर्ट में व्यक्त की गई है।
ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट (OMI) फाउंडेशन की रिपोर्ट ‘भारत की प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था में सामाजिक सुरक्षा : आपूर्ति गतिशीलता को बढ़ावा देना’ के अनुसार, ‘प्लेटफॉर्म वर्करों की जरूरत और प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था की विशिष्टताओं के अनुकूल सामाजिक सुरक्षा प्रणाली समुचित रूप से विकसित की जानी चाहिए और इसके लिए साझा प्रयास किया जाए।’
रिपोर्ट में कहा गया, ‘केंद्र और राज्य सरकारों के नीति निर्माण में तारत्मयता नहीं होने की स्थिति में प्रयासों का केवल दोहरीकरण ही नहीं होगा बल्कि सीमित संसाधनों का आशा के अनुरूप विकास भी नहीं हो पाएगा। इसके अतिरिक्त प्लेटफॉर्म कारोबार पर कानून पालन का बोझ भी बढ़ जाएगा। इससे इस कारोबार की लागत बढ़ जाएगी। इससे नौकरी सृजन करने की लागत भी बढ़ेगी। नवाचार पर बड़े पैमाने पर अंकुश लग जाएगा।’
रिपोर्ट में विकासशील देशों में इस संबंध में उठाए गए कदमों का उदाहरण दिया गया है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि जमैका में राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा के लिए समिति और कीनिया में राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा सचिवालय बनाया गया है। रिपोर्ट के लिए 10 प्लेटफॉर्म कंपनियों से मशविरा किया था जिनमें करीब 45 लाख श्रमिक हैं।