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Ocean Economy: समुद्री अर्थव्यवस्था में मोटे ​निवेश का खाका

सरकार के अनुमानों के मुताबिक समुद्री अर्थव्यवस्था में निवेश की उल्लेखनीय संभावनाएं हैं, क्योंकि प्रमुख बंदरगाह इस समय बुनियादी ढांचे की कमी के संकट से जूझ रहे हैं।

Last Updated- July 18, 2023 | 10:44 PM IST
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बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने मंगलवार को कहा कि समुद्री अर्थव्यवस्था (Ocean Economy) को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश के अवसरों की पहचान की है।

ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया सम्मेलन (Global Maritime India Conference) के पहले मुंबई में मंत्री ने कहा, ‘देश में समुद्री क्षेत्र में 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश के अवसर चिह्नित करने के साथ हम इस क्षेत्र में प्रमुख आर्थिक गतिविधियों की संभावना देख रहे हैं, जिससे भारत के 15 लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है।’

सोनोवाल ने कहा कि भारत सक्रिय रूप से 5,000 किलोमीटर लंबे बहु देशीय जलमार्गों की स्थापना कर रहा है। यह महत्त्वपूर्ण पहल है, जो पूरे क्षेत्र में व्यापार और परिवहन को सुविधाजनक बनाएगी।

समुद्री अर्थव्यवस्था में निवेश की उल्लेखनीय संभावनाएं

सरकार के अनुमानों के मुताबिक समुद्री अर्थव्यवस्था में निवेश की उल्लेखनीय संभावनाएं हैं, क्योंकि प्रमुख बंदरगाह इस समय बुनियादी ढांचे की कमी के संकट से जूझ रहे हैं। 111 लाख करोड़ रुपये की नैशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन भी इस खाईं को भरेगी और भारत की बंदरगाह अर्थव्यवस्था को विकसित देशों से प्रतिस्पर्धी बनाएगी।

सोनोवाल ने कहा कि यह मंच स्टार्टअप, शोधार्थियों और इनोवेटर्स को अपनी तकनीक और विशेषज्ञता प्रदर्शित करने के लिए एक प्लेटफॉर्म मुहैया कराएगा।

उन्होंने कहा कि जीआईएमएस-2023 के ध्यान का प्रमुख क्षेत्र भविष्य के बंदरगाह, डीकार्बनाइजेशन, कोस्टल शिपिंग और अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन, शिप बिल्डिंग, रिपेयर और रिसाइक्लिंग, फाइनैंस, बीमा और पंचाट, नवोन्मेष और तकनीक, समुद्री सुरक्षा और समुद्री पर्यटन है।

बहरहाल इस साल शिपिंग क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया गया है। इंटरनैशनल मैरीटाइम ऑर्गेनाइजेशन (आईएमओ) ने भी अपनी घरेलू अर्थव्यवस्था में ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन को कम करने के साधनों को अपना रहे देशों पर ध्यान केंद्रित किया है।

सोनोवाल ने कहा कि भारत पर्यावरण के प्रति सचेत शिपिंग सॉल्यूशंस विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है। केंद्र ने कार्बन निरपेक्ष विकल्प अपनाने और बड़े हवाईअड्डों पर बैटरी से चलने वाले वाहनों के इस्तेमाल करने की योजना बनाई है।

First Published - July 18, 2023 | 10:44 PM IST

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