मंदी की चिंता से दुबला रहे उद्योग जगत की सेहत दुरुस्त करने के लिए सरकार ने महज कुछ अरसे के भीतर दूसरी बार उसे विभिन्न रियायतों और सहायताओं का मल्टी विटामिन दे दिया।
शुक्रवार को दूसरे आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक की दरों में कटौती की घोषणा के साथ की। सरकार के इन कदमों से जहां अर्थव्यवस्था को सस्ता एवं अधिक कोष मिल सकेगा, वहीं केंद्र तथा राज्य देश में मांग बढ़ाने के लिए अतिरिक्त खर्च कर सकेंगे।
योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने इस पैकेज की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पैकेज में आवासीय क्षेत्र, बड़े एवं लघु उद्योगों तथा ढांचागत क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
रियल एस्टेट को भी टॉनिक : नकदी संकट का सामना कर रहे रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए सरकार ने एकीकृत टाउनशिप बनाने वाले डेवलपरों को विदेशों से धन हासिल करने की अनुमति दे दी। साथ ही राज्यों से निम्न एवं मध्यम आय वर्ग की आवासीय योजनाओं के लिए भूमि देने को कहा गया है।
डेवलपरों की नकदी संकट की समस्या से निपटने के लिए ईसीबी संबंधी नियमों में भी ढील दे दी गई है। सरकार ने कहा है कि ईसीबी पर ब्याज की सीमा रिजर्व बैंक समाप्त करेगा।
क्या है इस दूसरी गोली में
बाह्य वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) संबंधी नीति होगी और उदार
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को मिलेगी 25,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी सहायता
राज्यों को 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बाजार उधारी लेने की अनुमति
रुपये में अंकित निगमित बांडों में एफआईआई निवेश की सीमा छह अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 15 अरब डॉलर
कुछ उत्पादों पर प्रतिकर शुल्क छूट समाप्त
सार्वजनिक बैंक करेंगे ऋण लक्ष्यों में संशोधन
सार्वजनिक बैंक वाणिज्यिक वाहनों की खरीद के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को देंगे ऋण सुविधा
इस वित्त वर्ष में समाप्त नहीं होगा संकट। विश्व अर्थव्यवस्था के लिए कठिन होगा 2009
मोंटेक सिंह अहलूवालिया
उपाध्यक्ष, योजना आयोग