माइक्रोफाइनैंस का धन वितरण बीती तिमाही की तुलना में मार्च 2025 की तिमाही के अंत में मौसमी कारणों से बढ़ा था लेकिन यह बीते साल की तुलना में कम था। इसका कारण यह था कि ऋण लेने वालों ने इस खंड पर बढ़ते बोझ के कारण सावधानी बरती थी।
सीआरआईएफ की रिपोर्ट के मुताबिक बीती तिमाही की तुलना में मार्च 2025 में वितरण 12.2 प्रतिशत बढ़कर 71,580 करोड़ रुपये हो गया था लेकिन यह बीते साल के 1.15 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 38 प्रतिशत कम था।
सकल ऋण पोर्टफोलियो सालाना आधार पर 14 प्रतिशत कम हो गया। यह बीती तिमाही की तुलना में मार्च 2025 में 2.6 प्रतिशत कम 3.81 लाख करोड़ रुपये था। यह मार्च 2024 में 4.42 लाख करोड़ रुपये था जबकि यह दिसंबर 2024 में 3.91 लाख करोड़ रुपये था। इसके अलावा नए ऋण लेने वालों की संख्या में भी गिरावट आई जबकि सक्रिय ऋण मार्च 2024 के 16.1 करोड़ से घटकर मार्च 2025 में 14 करोड़ हो गए थे। लिहाजा सक्रिय ग्राहकों की संख्या घट गई थी।
इस अवधि में सक्रिय ग्राहकों की संख्या 8.7 करोड़ से घटकर 8.3 करोड़ हो गई थी और यह आंकड़ उद्योग के हालात को बयां करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ‘यह रुझान उभरते दबाव और ऋणदाताओं के नपे तुले बदलाव को दर्शाता है।’
राज्य स्तरीय आंकड़ों से जानकारी मिलती है कि तमिलनाडु और कर्नाटक का पोर्टपोलियो में उल्लेखनीय गिरावट आई है।