facebookmetapixel
घने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआत

रियल एस्टेट उद्योग को नियंत्रित करने के लिए कानून बनेगा

Last Updated- December 05, 2022 | 4:33 PM IST

भारत सरकार रियल एस्टेट उद्योग को नियंत्रित करने के लिए कानून का प्रारुप तैयार कर रही है।


 तेज आर्थिक वृद्धि के कारण आवासीय और व्यावसायिक संपत्ति की कीमतों में उछाल को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है।


संसद में एक लिखित प्रश्न के जवाब में शहरी विकास मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने कहा कि सरकार रियल एस्टेट प्रबंधन(नियमन एवं नियंत्रण)विधेयक लाने पर विचार कर रही है, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए लागू होगी।


कुशमैन ऐंड वेकफील्ड इनकार्पोरेशन के मुताबिक गोल्फ लिंक्स और फै्रंड्स कॉलोनी जैसे दिल्ली के इलाकों में पिछले 2 सालों में व्यावसायिक और आवासीय संपत्तियों की कीमत दोगुनी से अधिक हो गई है।


इस सवाल कि सरकार रियल एस्टेट नियामक के लिए क्या कर रही है, के जवाब में रेड्डी ने कहा कि यह विधेयक अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श विधान होगा।


रेड्डी ने बताया कि रियल एस्टेट नियामक के मुद्दे पर सरकार पिछले साल के सितंबर से सोच रही है।


रेड्डी ने बताया कि तेजी से बढ़ रही विकास दर और बाजार कारकों के कारण इस क्षेत्र में दामों में वृद्धि हो रही है।


नई दिल्ली के पास एक भूखंड की जब बोली लगी तो, दिल्ली की एक डेवलपिंग कंपनी, बीपीटीपी लिमिटेड ने 1 अरब डॉलर से अधिक की बोली लगाई।


यह बोली रिजर्व कीमत की दोगुनी थी। डीएलएफ, ओमेक्स लिमिटेड और अंसल प्रॉपर्टीज एड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को इस बोली से हटाने के लिए बीपीटीपी ने 1.24 अरब डॉलर की बोली लगा डाली।


कंपनी ने बताया कि नोएडा में दुकानों और ऑफिसों के लिए उसने 95 एकड़ भूखंड के लिए बोली लगाकर उसे हासिल किया ।


 इस भूखंड के लिए रिजर्व कीमत 77,000 रुपये प्रतिवर्ग मीटर रखी गई है,जबकि कंपनी ने 1,30,207 रुपये प्रतिवर्ग मीटर की दर से भुगतान किया।

First Published - March 13, 2008 | 7:09 PM IST

संबंधित पोस्ट