केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सूचना प्रौद्योगिकी (IT) हार्डवेयर के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के संशोधित मसौदे को आज मंजूरी दे दी। योजना के तहत बजट खर्च बढ़ाकर 17,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो पहले 7,325 करोड़ रुपये था।
संशोधित योजना के तहत देश में बने लैपटॉप, टैबलेट, ऑल इन वन पर्सनल कंप्यूटर और एज कंप्यूटिंग उपकरणों की वृद्धिशील बिक्री पर 9 फीसदी तक प्रोत्साहन दिया जा सकता है। इससे इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी। योजना की अवधि भी चार साल से बढ़ाकर छह साल कर दिया गया है।
सरकार का आकलन है कि नई योजना से देश में 75,000 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रत्यक्ष रोजगार से तीन गुना ज्यादा अप्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित होंगे। इस तरह करीब 2 लाख लोगों को रोजगार मिल सकता है। मंत्री ने कहा कि पिछले 8 साल में देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण 17 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है। उन्होंने कहा कि यह 105 अरब डॉलर उत्पादन मूल्य का पैमाना लांघ चुका है।
सबसे पहले 2021 में इस योजना की घोषणा की गई थी। वैश्विक महामारी के दौरान कम प्रोत्साहन और मांग में नरमी के कारण उद्योग भी इस पर उदासीन रहा। योजना के तहत आवेदन करने वाली 14 कंपनियों में से 2 कंपनियां ही पहले साल का लक्ष्य पूरा कर पाई थीं।
सरकार ने अब योजना में उदारता लाकर मूल उपकरण विनिर्माताओं (OEM) को भी अगले तीन साल में प्रोत्साहन हासिल करने वालों में शामिल कर लिया है। वृद्धिशील बिक्री के लिए आधार वर्ष 2022-23 रहेगा। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि कंपनियां अगले तीन साल में किसी भी समय इस योजना के लिए आवेदन कर सकती हैं। इससे उन्हें आधार वर्ष चुनने में आसानी होगी।
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हालांकि इस योजना से संबंधित आधिकारिक दस्तावेज खबर लिखे जाने तक सार्वजनिक नहीं किया गया था मगर उद्योग के हितधारकों ने इसकी प्रशंसा की है। बहुराष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवा कंपनी डिक्सन टेक्नोलॉजिज के प्रबंध निदेशक सुनील वाच्छानी ने कहा, ‘हमें (विनिर्माण की) हाइब्रिड भारतीय श्रेणी पसंद है। हम अगले छह साल में 300 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रहे हैं। हम लैपटॉप एवं टैबलेट से विस्तार करते हुए डेस्कटॉप एवं सर्वर भी बनाएंगे।’
अगले छह साल के लिए औसत प्रोत्साहन अब करीब 5 फीसदी होगा, जो पहले 2 फीसदी था। भारत में बने पुर्जों के साथ उत्पाद असेंबल करने वाली कंपनियों को संशोधित योजना के तहत अलग से भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। देश में ही बने प्रोसेसर के साथ हार्डवेयर असेंबल करने वाली कंपनियों को वृद्धिशील बिक्री पर 3 फीसदी प्रोत्साहन मिल सकता है। कुल मिलाकर प्रोत्साहन 8 से 9 फीसदी तक पहुंच सकता है।
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वैष्णव ने कहा, ‘हमें उद्योग से प्रतिक्रिया मिली और उसी के अनुसार पिछली योजना में संशोधन किया गया है ताकि हम कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित कर सकें, स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा दे सकें और भारतीय कंपनियां व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ सकें। भविष्य में डिजाइन एवं विनिर्माण में भारतीय ब्रांड खड़े होने चाहिए।’
सरकार को योजना की अवधि के दौरान इस क्षेत्र में करीब 2,430 करोड़ रुपये निवेश की उम्मीद है। मगर अतिरिक्त प्रोत्साहन के बावजूद यह 2,500 करोड़ रुपये की शुरुआती अपेक्षा से कम है।