वित्त वर्ष के पहले महीने में प्रमुख देशों अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, चीन, सिंगापुर, बांग्लादेश और जर्मनी को निर्यात में तेजी से गिरावट आई है और ये देश भारत के निर्यात के प्रमुख बाजार हैं। इससे आलोच्य अवधि में भारत के निर्यात में 12.69 फीसदी की गिरावट आई है। यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े से मिली।
भारत के लिए निर्यात का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका है। भारत से होने वाले कुल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 17 फीसदी है। अप्रैल में अमेरिका को होने वाला निर्यात 17.16 फीसदी गिरकर 5.9 अरब डॉलर हो गया। इसके बाद भारत के लिए निर्यात का दूसरा प्रमुख बाजार संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)है। भारत से यूएई को होने वाला निर्यात 22.09 फीसदी गिरकर 2.23 अरब डॉलर हो गया। इन दो देशों को किए गए निर्यात का कुल मूल्य 8.13 अरब डॉलर था और भारत के कुल निर्यात में इनकी हिस्सेदारी 23 फीसदी से अधिक रही।
भारत से निर्यात किए जाने वाले शीर्ष 10 देशों में छह में गिरावट दर्ज की गई। इस क्रम में सऊदी अरब, नीदरलैंड, यूके और इटली को होने वाले निर्यात में क्रमश 8.38 फीसदी, 23 फीसदी, 20.69 फीसदी और 3.59 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई। अप्रैल में हुए कुल निर्यात के मूल्य में इन 10 देशों की हिस्सेदारी 48 फीसदी थी।
पश्चिम एशिया और भारत में मुक्त व्यापार समझौता होने के बावजूद यूएई को होने वाले निर्यात में गिरावट आई। इस क्रम में सरकारी अधिकारी ने बताया कि यूएई से होकर कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट देशों और खाड़ी देशों को सामान भी भेजा जाता है।
लिहाजा यूएई एक चैनल की भूमिका निभाता है। इन देशों को आयात घटने के कारण यूएई को होने वाले निर्यात पर प्रतिकूल असर पड़ा। इसके अलावा पेट्रोलियम उत्पादों का मूल्य घटने के कारण कम दाम पर इनका आयात हुआ और फिर इस जिंस के पुन: निर्यात के दाम पर भी असर पड़ा।विदेश व्यापार के महानिदेशक संतोष कुमार सारंगी ने सोमवार को कहा था कि मांग का परिदृश्य अगले दो-तीन महीनों तक ‘बहुत आशावादी’ नजर नहीं आता है लेकिन सितंबर के बाद स्थिति में सुधार हो सकता है।
भारत के लिए निर्यात के सबसे बड़े बाजारों संयुक्त अरब अमेरिका और यूरोप में मांग बहुत अच्छी नहीं रही है। प्रमुख गंतव्य वाले देशों में आर्थिक नरमी के कारण भारत के निर्यात में तेजी से गिरावट दर्ज हुई है। इससे जिंसों के दामों में भी गिरावट आई है। हालांकि सरकार के मुताबिक रूस-यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव का ‘अत्यधिक सक्रिय रूप’ से निर्यात पर असर पड़ा है।
भारत का कुल आयात 14 फीसदी गिरकर 49.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया और यह 20 माह के निचले स्तर पर था। भारत के शीर्ष 10 आयातक देशों में केवल रूस और जापान से अप्रैल के दौरान आयात बढ़ा। रूस से आयात 200 फीसदी और जापान से आयात 6.33 फीसदी बढ़ा। हालांकि अन्य आठ आयातक देशों से आयात में गिरावट आई।
आंकड़ों के अनुसार इन महत्वपूर्ण देशों में चीन को (5.56 फीसदी), यूएई को (34.08 फीसदी), अमेरिका को (24.67 फीसदी), सऊदी अरब को (20.72 फीसदी), इराक को (35.13 फीसदी), इंडोनेशिया को (22.76 फीसदी), सिंगापुर को (17.23 फीसदी) और दक्षिण कोरिया को (4.22 फीसदी) की गिरावट आई है।