जी 20 की तीसरी शेरपा बैठक (3rd Sherpa meeting of G20) रविवार को हम्पी में संपन्न हुई। चार दिवसीय इस बैठक में मुख्य वार्ताकारों ने सितंबर में नई दिल्ली में होने वाले शिखर सम्मेलन के लिए नेताओं की घोषणाओं का सह-मसौदा तैयार करना शुरू कर दिया है। जी 20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने हम्पी में इस शिखर बैठक की प्रगति और चुनौती के बारे में चर्चा की। असित रंजन मिश्र से बातचीत के अंश:
हम्पी में शेरपा वार्ता कैसी हुई? पहले प्रारूप की संयुक्त घोषणा से तुलना करने पर किन क्षेत्र में प्रगति हुई?
हमारी वार्ता अच्छे ढंग से प्रगति कर रही है। हमारी प्राथमिकताओं और परिकल्पनाओं के परिणामों की विकासशील देशों और विकसित देशों ने समान रूप से प्रशंसा की है। जी 20 के देशों ने रचनात्मक रूप से कार्य किया और भारत के बदलाव लाने के महत्त्वाकांक्षी कार्य की प्रशंसा भी की। हम विश्व को अधिक समावेशी बनाने के लिए ‘ग्लोबल साउथ’ के बुनियादी मुद्दों को सामने लाए हैं। हमारे अफ्रीकी यूनियन को आमंत्रित करने के प्रस्ताव को व्यापक समर्थन मिला है और इस मुद्दे पर कई देशों ने अपना समर्थन व्यक्त किया है।
हमने हम्पी में चर्चा के दौरान प्रारूप की पूरी घोषणा पर बातचीत की। इस दौरान हरेक देश के विचार मंच पर आए।हम प्रस्तावना पर पर्याप्त प्रगति करने में सक्षम रहे। इसके साथ ही सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए लैंगिक समानता व सशक्तीकरण पर भी प्रगति की। जैसे कई देशों ने प्रशंसा की है कि भारत ने लैंगिक समानता के क्षेत्र को जितने महत्त्वाकांक्षी ढंग से प्रस्तुत किया है, उतना पहले कभी नहीं किया गया था।
शेरपा का दूसरा प्रारूप कितने समय में आ जाएगा?
जी 20 के सभी देशों, सभी आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने घोषणा के पहले प्रारूप पर अपनी राय व्यक्त कर दी है। इस क्रम में कुछ से लिखित में राय देने का अनुरोध किया गया है। हमें जवाब व विचार प्राप्त हो चुके हैं। हमारी योजना है कि इस महीने के अंत से पहले दूसरे प्रारूप को वितरित करेंगे।
क्या आपको अफ्रीकी संघ को एक सदस्य के रूप में शामिल करने के प्रस्ताव पर अफ्रीका की ओर से दिक्कतें हैं और क्या इसके लिए प्रारंभिक सहायता की जरूरत है?
मुझे उनकी ओर से कोई दिक्कत नहीं दिखाई देती है। जैसे अफ्रीकी यूनियन अफ्रीका के आर्थिक सुदृढ़ीकरण के लिए प्रयासरत है। इसके लिए एजेंडा 2063 और एयू के चार्टर अफ्रीकन महाद्वीप मुक्त व्यापार क्षेत्र को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं।
क्या संयुक्त घोषणा के लिए नेताओं के स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं?
हमें भरोसा है कि जी 20 प्रमुख वैश्विक चुनौतियों को हल करने के लिए एकजुट होकर कार्रवाई करेगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जी 20 सर्वसम्मति से मजबूत परिणामों तक पहुंच सकेगा।
क्या प्रस्तावित घोषणा में किसी देश का नाम लेने से बचा जा रहा है?
अभी हम विकास से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर सहमति बनाने पर केंद्रित हैं, जैसे एसडीजी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना। भूराजनीतिक मुद्दों पर उचित समय पर ध्यान दिया जाएगा।