सरकार क्रीमी लेयर के लिए सीमा निर्धारित किए जाने के रास्ते तलाश रही है, वहीं छात्रों के स्कॉलरशिप के लिए विभिन्न शैक्षिक संस्थानों ने ओबीसी के लिए आय सीमा के संशोधित मानक तय करने का मन बना लिया है।
वर्तमान में अगर किसी ओबीसी छात्र के संरक्षक की प्रतिवर्ष आय 2.5 लाख रुपये प्रतिवर्ष या उससे अधिक है तो उसे केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है। वहीं शिक्षण संस्थानों ने स्कालरशिप के लिए इस आयसीमा को पुनरीक्षित कर इसकी सीमा बढ़ा दी है। उदाहरण के लिए पिछले साल तक आईआईएम अहमदाबाद में जिस परिवार की वार्षिक आय दो लाख रुपये से ज्यादा होती थी उसे स्कालरशिप नहीं दिया जाता था।
संस्थान ने हाल ही में फीस बढ़ाने का फैसला किया है। आईआईएम-ए के संचालन मंडल के निदेशक विजयपत सिंघानिया ने कहा कि वे अब इस सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 6 लाख करने जा रहे हैं। इससे उन तमाम छात्रों को लाभ मिलेगा, जिनकी पढ़ाई महंगी हुई है। संस्थान में इस समय पोस्ट ग्रेजुएट मैनेजमेंट प्रोग्राम की फीस भी 4 लाख से बढ़कर 11.5 लाख रुपये हो गई है।
आईआईटी संस्थानों में स्कॉलरशिप के लिए आय सीमा का निर्धारण मानव संसाधन विकास मंत्रालय करता है, जो इस समय 2 लाख रुपये वार्षिक है। आईआईटी दिल्ली के निदेशक सुरेंद्र प्रसाद ने कहा, ‘यहां पर स्कॉलरशिप के लिए आयसीमा के साथ साथ मेरिट लिस्ट को भी मानक बनाया गया है। यह स्कॉलरशिप देने वाले संस्थान पर निर्भर करता है।
कुछ निजी कंपनियों ने 3 लाख प्रतिसाल आमदनी का मानक रखा है।’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान एससी और एसटी वर्ग से आने वाले सभी छात्रों को स्कॉलरशिप मुहैया कराता है। शुरुआती दौर में कोशिश यह होगी कि क्रीमी लेयर के नीचे आरक्षण का लाभ पाने वाले सभी छात्रों को स्कॉलरशिप दे दी जाए। आंध्र प्रदेश सरकार ने हाल ही में क्रीमी लेयर की वार्षिक आय सीमा बढ़ाकर 4 लाख कर दिया है।