टिकाऊ उपभोक्ता वस्तु बनाने वाली कंपनियों ने अमेरिका के आयातकों के साथ शुरुआती स्तर की बातचीत शुरू कर दी है। इन वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया आयात कर चीन जैसे भारत के प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में कम है। अभी चर्चा कुछ समय पहले शुरू हुई थी, लेकिन अन्य लोगों का मानना है कि अमेरिकी सरकार द्वारा अन्य देशों पर उच्च शुल्क लगाने के कदम से कंपनियों को अमेरिका में अपनी वैश्विक उपस्थिति बढ़ाने में मदद मिलेगी।
अमेरिका ने चीन पर सबसे ज्यादा कर लगाया है। अमेरिका ने 2 साल पहले चीन पर लगाए गए 20 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त 34 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया है। इससे चीन पर कुल कर 54 प्रतिशत हो गया है। चीन इस समय कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का प्रमुख निर्यातक है, ऐसे में भारत के लिए अमेरिका बेहतरीन निर्यात केंद्र बन सकता है क्योंकि भारत पर अमेरिका ने कुल मिलाकर 26 प्रतिशत कर लगाया है। वियतनाम और थाईलैंड जैसे एशिया के अन्य देश भी टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के विनिर्माता हैं। वियतनाम और थाईलैंड पर अमेरिका ने क्रमशः 46 प्रतिशत और 36 प्रतिशत कर लगाया है। अमेरिका सिर्फ टेलीविजन सेट ही नहीं, बल्कि टेलीविजन पैनल, वाशिंग मशीन, एयर कंडिशनर व अन्य होम अप्लायंस के निर्यात पर भी विचार करेगा।
डिक्सन टेक्नोलॉजिजस (इंडिया) के प्रबंध निदेशक अतुल लाल ने बिजनेस स्डैंडर्ड से कहा, ‘हमने टेलीविजन पैनलों जैसी श्रेणी के आयातकों से पहले ही शुरुआती बातचीत शुरू कर दी है। अमेरिकी आयातक भी भारत की ओर देख रहे हैं और डिक्सन टेक्नोलॉजिज उनके लिए एक बेहतर विकल्प है।’ सुपर प्लास्ट्रोनिक्स के मुख्य कार्याधिकारी अवनीत सिंह मारवाह का भी मानना है कि भारत के पास अब इलेक्ट्रॉनिक्स और टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के निर्यात के लिए एक अनुकूल निर्यात केंद्र बनने का अवसर है और मौजूदा शुल्क अमेरिकी आयातकों को भारत का रुख करने को बाध्य करेगा।
सिंह ने कहा, ‘अमेरिका अब टेलीविजन पैनलों, वाशिंग मशीनों व अन्य वस्तु के आयात पर विचार करेगा। हमने अमेरिका को एक विकल्प के रूप में देखना शुरू कर दिया है और अन्य एशियाई देशों की तुलना में भारत सबसे सस्ते टीवी विनिर्माताओं में से एक होगा।’ हालांकि उन्होंने कहा कि शुल्क को लेकर अभी कंपनी कुछ और स्पष्टता का इंतजार कर रही है।
अमेरिका को एयर कंडिशनर के मोटर और एयर कंडिशनर निर्यात करने वाली कंपनी अंबर इंटरप्राइजेज इंडिया के मुख्य वित्त अधिकारी सुधीर गोयल ने कहा कि कंपनी अमेरिका को निर्यात करने की तैयारी कर रही है। गोयल ने कहा, ‘अमेरिका की सरकार द्वारा लगाए गए शुल्क के कारण भारत के आपूर्तिकर्ताओं को अन्य देशों की तुलना में बढ़त मिली है। इससे अमेरिका के आयातकों को भारत में ऑर्डर देने में मदद मिलेगी।’ उन्होंने कहा कि बाजार को विस्तार देने के लिए कंपनी नियमित रूप से विभिन्न वैश्विक उपभोक्ताओं पर नजर रखती है।