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महंगाई का मर्ज हो रहा दूर

Last Updated- December 08, 2022 | 9:49 AM IST

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती ने 6 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में महंगाई दर 6.84 फीसदी के स्तर पर ला दिया है।
सरकारी कवायद से महंगाई दर पर तो काबू होता दिख रहा है और अब मंदी को मात के लिए उपाय करने होंगे। इस बात से सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी सहमत हैं।
महंगाई में लागतार आ रही गिरावट से ब्याज दरों में और कमी करने का रास्ता साफ होता दिख रहा है, जिसका संकेत वित्त मंत्रालय ने भी दिया है। थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर में 1.16 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई, जिसके कारण उद्योगों की ओर से रिजर्व बैंक की प्रमुख नीतिगत दरों में और कटौती की मांग बढ़ेगी।
6 दिसंबर को पेट्रोल की कीमतों में की गई प्रति लीटर 5 रुपये और डीजल में 2 रुपये की कटौती से महंगाई पर काबू पाने में मदद मिली। उल्लेखनीय है कि अगस्त में महंगाई दर 12.91 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई थी। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण महंगाई की दर में लगातार 6 हफ्तों से गिरावट दर्ज की जा रही है।
मौजूदा समय में कच्चे तेल की कीमत घटकर करीब 40 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई, जो जुलाई में 147 डॉलर के उच्चतम स्तर पर थी। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सिर्फ ईंधन सूचकांक में ही 3.7 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई।
जिन ईंधन उत्पादों की कीमतें सरकार नहीं तय करती, उस खंड में भी कीमतों में गिरावट आई है। समीक्षाधीन सप्ताह में ईंधन, बिजली और ल्यूब्रिकेंट की कीमतों में 3.7 फीसदी तक की गिरावट दर्ज हुई, क्योंकि पेट्रोल की कीमत में 10 फीसदी, जेट ईंधन में 7 फीसदी, नाफ्था में 23 फीसदी और फर्नेस ऑयल में 15 फीसदी की गिरावट हुई।
फल एवं सब्जियों के अलावा, आयातित खाद्य तेल, राइस ब्रान तेल और नारियल तेल के भी दाम घटे हैं। रसायन और रसायन उत्पादों के समूह में 0.6 फीसदी और परिवहन उपकरण और पुर्जे की भी कीमतों में 0.5 फीसदी की गिरावट आई। हालांकि चारे, मूंगफली दाना, अलसी और कच्चे कपास जैसे गैर-खाद्य उत्पादों के दाम 0.1 फीसदी बढ़े।
विनिर्मित उत्पाद खंड में आटे की कीमत 2 फीसदी, जबकि मूंगफली तेल, घी और कपास के बीज के भी दाम बढ़े। मुद्रास्फीति के आंकड़े में 7 दिसंबर को घोषित उत्पाद शुल्क में कटौती का असर शामिल नहीं है। सरकार ने यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था की सुस्त होती रफ्तार को बढ़ाने के लिए उठाया था। ऐसे में अगले हफ्ते महंगाई दर में और नरमी आने की संभावना है।
-कमोडिटी थोक मूल्य सूचकांक में 1.1 फीसदी की गिरावट
-पेट्रोल और ऊर्जा के सूचकांक में 3.7 फीसदी की गिरावट
-निर्मित वस्तुओं का सूचकांक 0.3 फीसदी गिरा
-प्राथमिक वस्तुओं की कीमतें 0.4 फीसदी घटी´
-फल-सब्जियां, आयातित खाद्य तेल की कीमतों में भी गिरावट
-ब्याज दर में हो सकती है और कटौती
‘ब्याज दरें और कम हो सकती हैं’
वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव अशोक चावला ने कहा कि मुद्रास्फीति की दरों में गिरावट का रूख है, जिससे ब्याज दरों में और कटौती की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति पर नजर रख रहा है और जरूरत पड़ने पर कदम उठा सकता है।

First Published - December 18, 2008 | 4:55 PM IST

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