जनवरी में भारत के निजी क्षेत्र का उत्पादन नवंबर 2023 के बाद सबसे सुस्त रफ्तार से बढ़ा है। शुक्रवार को जारी एचसबीसी फ्लैश पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सर्वे के मुताबिक नए कारोबार की कमी से सेवा क्षेत्र सुस्त हुआ है और इससे विनिर्माण क्षेत्र की तेज वृद्धि भी प्रभावित हुई है। एलऐंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित सूचकांक जनवरी में गिरकर 57.9 पर आ गया, जो दिसंबर में 59.2 पर था।
बहरहाल भारत के विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में मासिक बदलाव का मापन करने वाला सूचकांक 50 के स्तर से ऊपर रहा है, जो कारोबारी गतिविधियों में विस्तार को दिखाता है। लगातार 42वें महीने सूचकांक 50 से ऊपर रहा है।
सर्वे में कहा गया है, ‘एसऐंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित ताजा एचएसबीसी फ्लैश पीएमआई आंकड़ों से पता चलता है कि विनिर्माण उद्योग का तेज विस्तार हुआ है और इससे सेवा अर्थव्यवस्था में वृद्धि की सुस्त गति की भरपाई हुई है। बहरहाल वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य तेजी से बढ़ा है और लागत का दबाव बढ़ गया है।’
नए ऑर्डर, आउटपुट, रोजगार, आपूर्तिकर्ता की डिलिवरी का समय और इन्वेंट्री स्तरों की जानकारी देने वाले विनिर्माण क्षेत्र के फ्लैश पीएमआई ने कारखाने की स्थिति में सुधार के संकेत दिए हैं। जनवरी में पीएमआई बढ़कर 58 पर पहुंच गया, जो दिसंबर में 56.4 था। यह जुलाई 2024 के बाद की सबसे मजबूत स्थिति है।
इसके विपरीत सेवा क्षेत्र में सुस्ती आई है। सेवा क्षेत्र का फ्लैश पीएमआई जनवरी में घटकर 56.8 पर आ गया है, जो दिसंबर में 59.3 था। एचएसबीसी में चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा कि भारत के विनिर्माण क्षेत्र ने साल की शुरुआत मजबूती से की है और आउटपुट और नए ऑर्डर बढ़े हैं, जो तीसरी तिमाही में तुलनात्मक रूप से कमजोर थे।