भारत और ओमान प्रस्तावित व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के करीब पहुंच गए हैं। इस मामले के दो जानकार लोगों के मुताबिक दोनों पक्षों के अधिकारीगण प्रस्तावित समग्र मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की कानूनी पुनरीक्षण की प्रक्रिया को शुरू कर चुके हैं। इनमें से एक व्यक्ति ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘व्यापार समझौते पर बातचीत अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। एफटीए की कानूनी भाषा की जांच पहले से ही जारी है।’.
आम चुनाव करीब होने के कारण आदर्श आचार संहिता कभी भी लागू हो सकती है। ऐसे में भारत इस समझौते को अंतिम रूप देने का खासा उत्सुक है। ऐसे में तय समय सीमा के दौरान इस समझौते को अंतिम रूप देना महत्त्वपूर्ण हो गया है। आम चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता की कभी भी घोषणा की जा सकती है। पश्चिम एशिया के इस देश के साथ व्यापार समझौता करके भारत खाड़ी देशों के साथ अपने संबंध बेहतर करना चाहता है। ओमान, भारत के लिए रणनीतिक साझेदार है और इसके भारत के साथ 5,000 वर्ष से पुराने व्यापारिक संबंध हैं।
इसके अलावा ओमान छह सदस्यीय खाड़ी सहयोग परिषद का भी सदस्य है। खाड़ी सहयोग देशों में बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) हैं। हालांकि भारत और यूएई दो साल पहले समग्र एफटीए पर समझौता कर चुके हैं जबकि खाड़ी सहयोग परिषद से आधिकारिक बातचीत लंबित है।
भारत 2019 में चीन समर्थित एशिया के व्यापार ब्लॉक क्षेत्रीय समग्र और आर्थिक साझेदारी (आरसेप) से बाहर आ चुका है। अब भारत विदेश व्यापार रणनीति को नया रूप दे रहा है। भारत ने बीते तीन वर्षों में मॉरीशस, यूएई और ऑस्ट्रेलिया से मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। सरकार की नजर आगामी आम चुनाव से पहले ब्रिटेन और यूरोपीय मुक्त व्यापार एसोसिएशन (ईएफटीए) के देशों के साथ समझौता करने पर है।
इन दोनों देशों से चार दौर की बात हो चुकी है। इस बारे में नवंबर के दौरान औपचारिक रूप से बातचीत शुरू हुई थी। भारत और ओमान के बीच जनवरी में समझौते के ज्यादातर चैप्टर की भाषा को लेकर बातचीत पूरी हो चुकी है।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार भारत-यूएई जैसा ही व्यापार समझौता होने के लिए ओमान से बातचीत जारी है। इससे दोनों पक्षों के लिए बातचीत करना आसान हो गया है।
भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय व्यापार में तेजी से इजाफा हुआ है। इन दोनों देशों के बीच व्यापार वित्त वर्ष 22 के 3.15 अरब डॉलर से 42 प्रतिशत बढ़कर 4.48 अरब डॉलर हो गया। बीते वित्त वर्षों के दौरान ओमान से भारत को हुआ आधा निर्यात पेट्रोलियम उत्पादों का था। इसमें प्रमुख तौर पर पेट्रोल था।
ओमान से निर्यात की तुलना में अधिक आयात किया जाता है। यह वित्त वर्ष 23 में 15.6 प्रतिशत बढ़कर 7.91 अरब डॉलर हो गया। ओमान से मंगाए जाने वाले उत्पादों में पेट्रोलियम उत्पाद व यूरिया हैं और कुल आयात में इनकी हिस्सेदारी तीन चौथाई है। इस बारे में वाणिज्य मंत्रालय को सवाल भेजा गया था लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।