facebookmetapixel
वित्त मंत्री सीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, GST 2.0 के सपोर्ट के लिए दिया धन्यवादAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यानDividend Stocks: सितंबर के दूसरे हफ्ते में बरसने वाला है मुनाफा, 100 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड₹30,000 से ₹50,000 कमाते हैं? ऐसे करें सेविंग और निवेश, एक्सपर्ट ने बताए गोल्डन टिप्स

अमेरिका से विवाद निपटाएगा भारत

Last Updated- January 05, 2023 | 10:58 PM IST
Cargo handling increased at major ports, record 795 million tonnes of cargo handled in 2022-23
BS

भारत निर्यातकों को सब्सिडी देने के मामले में अमेरिका के साथ न्यायालय के बाहर समाधान का प्रस्ताव कर सकता है। इस मामले में भारत विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विवाद पैनल में 2019 में अमेरिका के साथ सहमत हुआ था कि वह अपने निर्यातकों को सब्सिडी मुहैया कराता है।

इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि भारत इस मामले को भारत अमेरिका व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) की 11 जनवरी को होने वाली बैठक के दौरान अलग से निपटाने की कवायद कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘अगर डब्ल्यूटीओ का अपील निकाय बहाल होता है (अगले साल) तो निर्यात को बढ़ावा देने वाली मौजूदा योजनाएं एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट्स (ईओयू) योजना, एक्सपोर्ट प्रमोशन कैपिटल गुड्स स्कीम (ईपीसीजी), विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) योजना और निर्यातकों के लिए शुल्क मुक्त आयात (डीएफआईएस) योजना को भी हटाया जाएगा।’

2019 में अमेरिका के साथ चल रहे व्यापार विवाद के मामले में भारत हार गया था। डब्ल्यूटीओ के आदेश में कहा गया था कि कुछ निर्यात प्रोसत्साहन योजनाएं जैसे मर्केंडाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआईएस), ईओयू, ईपीसीजी, एसईजेड और डीएफआईएस से वैश्विक व्यापार निकाय के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है, क्योंकि इन योजनाओं के माध्यम से स्टील, फार्मास्यूटिकल्स, अपैरल के साथ बड़े पैमाने पर वस्तुओं को निर्यात सब्सिडी दी गई।

अमेरिका ने शिकायत की थी कि भारतीय निर्यातकों को वित्तीय लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबंधित सब्सिडी दी गई, जिससे उन्हें अपना माल अमेरिकी विनिर्माताओं और कामगारों द्वारा उत्पादित माल की तुलना में सस्ते में बेचने में मदद मिली।

इसके बाद भारत ने एमईआईएस योजना खत्म कर दी और उसकी जगह पर रेमिशन आफ ड्यूटीज ऐंड टैक्सेज आन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स (आरओडीटीईपी) योजना पेश की, जिससे निर्यातकों को समर्थन मिल सके, न कि उन्हें सब्सिडी दी जाए। एमईआईएस योजना के खत्म हो जाने देने की एक वजह यह भी थी कि निर्यात प्रोत्साहन योजना लागू किए जाने के बाद भी निर्यात में कोई उल्लेखनीय बढ़ोतरी नहीं हुई। भारत ने इस फैसले को चुनौती दी थी, इसलिए शेष योजनाएं जारी रहीं। इसके अलावा डब्ल्यूटीओ के अपील निकाय के अंतिम फैसले का इंतजार है, जो इस समय कामकाज नहीं कर रही है।

यह भी पढ़ें: महंगाई घटने से 2023 में भी जारी रहेगी घरों की बिक्री की रफ्तार : जेएलएल इंडिया

अपील निकाय सात सदस्यों का एक निकाय है, जो डब्ल्यूटीओ के सदस्यों द्वारा दाखिल किए गए मामलों पर सुनवाई करता है। इस समय अपील निकाय फैसले की समीक्षा करने में अक्षम है क्योंकि निकाय में पद खाली हैं। अपील निकाय गठित करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर को खत्म हो चुकी है। बहरहाल डब्ल्यूटीओ के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के परिणामों के मुताबिक पूरी तरह काम करने वाली विवाद निपयटान व्यवस्था की पहुंच 2024 तक भी देशों तक संभव हो सकेगी।

टीपीएफ एजेंडा

अगले सप्ताह टीपीएफ की बैठक में दोनों देश द्विपक्षीय कारोबार की शेष चिंता दूर करने की कवायद करेंगे। दोनों देशों ने नई दिल्ली में नवंबर 2021 में 12वीं मंत्रिस्तरीय बैठक की थी। टीपीएफ की अगली बैठक की सह अध्यक्षता वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री कैथरिन ताई करेंगे।

टीपीएफ के तहत 5 व्यापक क्षेत्रों में कार्यसमूह बनाए गए हैं, जिनमें कृषि, गैर कृषि सामान, सेवा, निवेश और बौद्धिक संपदा शामिल है। इस क्षेत्रों को लेकर दोनों देशों के बीच चिंता को हल किया जाना है। पिछली बैठक में दोनों देशों ने लक्षित शुल्क घटाने की क्षमता पर अपने विचार रखे थे। भारत अमेरिका व्यापार नीति मंच अहम है क्योंकि भारत अमेरिका का बड़ा व्यापारिक साझेदार है। द्विपक्षीय वाणिज्यिक व्यापार अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 77.25 अरब रहा है।

First Published - January 5, 2023 | 10:58 PM IST

संबंधित पोस्ट