भारत द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए अमेरिका के साथ चल रही बातचीत में भारतीय निर्यातकों की खातिर अमेरिका में गैर-शुल्क बाधाओं को दूर करने पर जोर देगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘अमेरिका के पास गैर-शुल्क बाधाओं की लंबी सूची है जिस पर वह भारत के साथ चर्चा करना चाहता है। हम भी कई गैर-शुल्क बाधाओं का मामला उठाएंगे जिनका सामना हमारी कंपनियों को अमेरिका में करना पड़ता है। हालांकि अमेरिकी पक्ष जीवन एवं स्वास्थ्य (सैनिटरी और फाइटो-सैनिटरी) जैसे गैर-शुल्क उपायों पर चर्चा के लिए उत्सुक नहीं है।’
उक्त अधिकारी ने कहा कि उद्योग ने अमेरिका में निर्यात बढ़ाने में प्रमुख बाधाओं के रूप में नियामकीय अड़चन और प्रमाणन की उच्च लागत सहित अन्य मुद्दों को उठाया है। उन्होंने कहा, ‘खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) से भारतीय फार्मा निर्यातकों के लिए उत्पाद की मंजूरी की लागत 9,280 से 5,40,00 डॉलर के बीच आती है जबकि अमेरिकी निर्यातकों को अपेक्षाकृत कम लागत में भारतीय बाजार तक पहुंच उपलब्ध है।
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एक अन्य अधिकारी ने कहा कि भारतीय फार्मा निर्यातकों के लिए अमेरिका में प्रमाणपत्र हासिल करने में काफी समय लगता है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय कंपनियों को प्रमाणन जारी करने के लिए एफडीए अधिकारियों के फील्ड विजिट का खर्च उठाना पड़ता है जो गैर-शुल्क बाधा है।’
नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर एक पूर्व व्यापार अधिकारी ने कहा कि अक्सर गैर-शुल्क बाधाएं और गैर-शुल्क उपाय के बीच बारीक रेखा होती है। उन्होंने कहा, ‘विनियमन ठीक हैं मगर इसकी व्याख्या के हिसाब से समस्या हो सकती है। हम अमेरिका को बता रहे हैं कि उनके सुरक्षा और डंपिंग विरोधी शुल्क लगातार बढ़ रहे हैं और अस्थायी व्यापार सुरक्षा उपाय एक तरह से स्थायी बन रहे हैं। इस पर हमारे उनके साथ मतभेद हैं।’
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने वर्ष 2022 में ‘भारतीय निर्यातकों के समक्ष अपने शीर्ष साझेदार सदस्यों से आने वाली गैर-टैरिफ बाधाएं’ शीर्षक वाले कार्य पत्र में कहा था कि कृषि उत्पादों के उत्पादन और व्यापार में कीटनाशकों से संबंधित मुद्दे और अनुचित तथा सख्त लेबलिंग एवं पैकेजिंग आवश्यकताओं की वजह से भारत के खाद्य उत्पादों का निर्यात प्रभावित होता है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इस समय अमेरिका में व्यापार वार्ताकारों की एक टीम का नेतृत्व कर रहे हैं ताकि जल्द से जल्द व्यापार समझौता किया जा सके। गोयल वाशिंगटन में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) जैमीसन ग्रीर और अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक से मिलने वाले हैं जबकि भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य सचिव पद के लिए मनोनीत राजेश अग्रवाल तकनीकी वार्ता की अगुआई कर रहे हैं।