देश में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में बेरोजगारी दर 5.4 प्रतिशत रही है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा सोमवार को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए जारी किए गए पहले तिमाही आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के आंकड़ों से यह पता चलता है।
आंकड़ों से पता चलता है कि मौजूदा साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) के हिसाब से 15 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों की बेरोजगारी दर ग्रामीण इलाकों में 4.8 प्रतिशत, जबकि शहरी इलाकों में 6.8 प्रतिशत रही है।
आंकड़ों से पता चलता है कि पहली तिमाही में पुरुषों और महिलाओं दोनों की मिलाकर बेरोजगारी दर 5.4 प्रतिशत रही है।
बहरहाल पहली तिमाही में युवाओं (15 से 29 साल) की बेरोजगारी दर 14.6 प्रतिशत रही है, जिसमें महिलाओं की बेरोजगारी दर (16 प्रतिशत) पुरुषों (14.1 प्रतिशत) की तुलना में अधिक रही है। इस आयु वर्ग के आंकड़े महत्त्वपूर्ण होते हैं क्योंकि सामान्यतया ये पहली बार श्रम बाजार में आते हैं और इससे बाजार में तेजी का पता चलता है। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि पहली तिमाही में 54.4 प्रतिशत लोग स्वरोजगार में लगे थे, जबकि वेतन पाने वाले लोगों की हिस्सेदारी 25.5 प्रतिशत रही है। शेष लोग ठेके के कर्मचारी रहे हैं।
वहीं पीएलएफएस के मासिक आंकड़ों से यह पता चलता कि जुलाई महीने के दौरान महिलाओं की बेरोजगारी दर 5.2 प्रतिशत रह गई है, जो जून में 5.6 प्रतिशत थी। महिला श्रम बल की हिस्सेदारी भी बढ़ी है और यह जुलाई में बढ़कर 33.3 प्रतिशत हो गई है, जो जून में 32 प्रतिशत थी।