अगस्त में श्रम बाजार की गति सकारात्मक रही है। इस दौरान बेरोजगारी दर लगातार दूसरे महीने में गिरकर 4 माह के निचले स्तर 5.1 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो जुलाई में 5.2 प्रतिशत थी। चल रही बोआई के बीच ये आंकड़े आए हैं।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा सोमवार को जारी मासिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण इलाकों के लिए मौजूदा साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) के हिसाब से 15 साल और इससे ऊपर के लोगों की समग्र बेरोजगारी दर अगस्त में और गिरकर 4.3 प्रतिशत पर आ गई है, जो चालू वित्त वर्ष से अब तक का निचला स्तर है। शहरी इलाकों में यह अगस्त में घटकर 6.7 प्रतिशत पर आ गई है, जो जुलाई में 7.2 प्रतिशत थी।
आंकड़ों से आगे यह भी पता चलता है कि पुरुषों की बेरोजगारी दर माह के दौरान घटकर 5 प्रतिशत रही है, जबकि महिलाओं की बेरोजगारी दर 5.2 प्रतिशत रही है। सीडब्ल्यूएस में गतिविधि की स्थिति सर्वेक्षण की तारीख से पहले के सात दिनों की संदर्भ अवधि के आधार पर निर्धारित की जाती है। इसके तहत, किसी व्यक्ति को एक सप्ताह के दौरान बेरोज़गार माना जाता है यदि उसने संदर्भ सप्ताह के दौरान किसी भी दिन एक घंटे भी काम नहीं किया हो, और उसने सप्ताह के दौरान किसी भी दिन कम से कम एक घंटे के लिए काम की मांग की हो या काम के लिए उपलब्ध रहा हो।
बहरहाल श्रमबल हिस्सेदारी दर (एलएफपीआर) अगस्त में बढ़कर 55 प्रतिशत हो गया, जो जुलाई में 54.9 प्रतिशत था। इससे काम कर रहे, या काम की तलाश कर रहे लोगों की संख्या जानी जाती है। ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा बढ़कर 57 प्रतिशत हो गया है, जबकि शहरी इलाकों में यह 50.8 प्रतिशत रहा है, जो पिछले महीने के क्रमशः 56.9 प्रतिशत और 50.7 प्रतिशत से ज्यादा है।
15 से 29 साल की उम्र के लोगों में बेरोजगारी दर 14.9 प्रतिशत से घटकर 14.6 प्रतिशत रह गई है। इस उम्र में महिलाओं की बेरोजगारी दर 17.8 प्रतिशत जबकि पुरुषों की 13.5 प्रतिशत रही है। इस आयु वर्ग के आंकड़े महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं, क्योंकि ये सामान्यतया रोजगार बाजार में पहली बार जाने वाले लोग होते हैं और इससे श्रम बाजार में तेजी का पता चलता है।