देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में जनवरी माह के दौरान नरमी रही जिससे क्षेत्र की वृद्धि दर कम हुई है। शुक्रवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण से यह कहा गया है। पिछले महीने उत्पादन और बिक्री धीमी गति से बढ़े और भविष्य के परिदृश्य को लेकर सेवा प्रदाताओं के बीच विश्वास के कमजोर स्तर ने रोजगार सृजन को बाधित किया है।
मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक जनवरी माह में घटकर 57.2 रह गया। दिसंबर में यह 58.5 पर था।
दिसंबर के मुकाबले ताजा आंकड़ा कम होने के बावजूद, अपने लंबे समय के औसत 53.5 से ऊपर रहा और यह वृद्धि मांग की अनुकूल परिस्थितियों तथा नए कार्य में वृद्धि जारी रहने से हुई।
सेवा पीएमआई लगातार 18वें महीने 50 अंक से अधिक है। खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से अधिक अंक गतिविधियों में विस्तार को दर्शाता है, जबकि 50 से कम अंक का अर्थ संकुचन है। एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र की सहायक निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि इस साल की शुरुआत में सेवा क्षेत्र में वृद्धि दर थोड़ी घटी है।
सर्वेक्षण में आगे कहा गया है कि पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर में कमी आई जिससे कुल नए कारोबार में वृद्धि घरेलू बाजार पर केंद्रित रही। लीमा ने कहा, ‘‘हालिया परिणाम बताते हैं कि सेवा प्रदाताओं ने सतर्क रूख अपना रखा है। यह इस बात से पता चलता है कि बड़ी संख्या में कंपनियों का मानना है कि उत्पादन मौजूदा स्तर पर ही रहेगा। परिदृश्य को लेकर भरोसे में कमी आने की वजह से जनवरी में रोजगार सृजन पर भी असर पड़ा है।’’
इसबीच एसएंडपी ग्लोबल इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट सूचकांक जो सेवाएं एवं विनिर्माण उत्पादन का संयुक्त रूप से आकलन करता है वह दिसंबर के 59.4 से घटकर जनवरी में 57.5 हो गया।